UP सरकार ने कर्मचारियों की रिटायरमेंट ऐज में 3 साल की कर दी बढ़ोतरी, अब इतने साल में होंगे रिटायर

सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष की जाएगी। यही नहीं डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए पुनर्नियोजित करने के नियमों को भी शिथिल और आकर्षक बनाया जाएगा।

ताकि रिटायर होने के बाद भी चिकित्सकों से आसानी से सेवाएं ली जा सकें। यह निर्देश बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चस्तरीय बैठक में दिए।

उन्होंने कहा कि अस्पतालों में डॉक्टरों के सभी रिक्त पद भरे जाएं। वहीं, अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी को भी दूर करने के लिए ठोस नीति तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभी विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए सीधी भर्ती और एमबीबीएस डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण दिया भी जा रहा है।

मगर भविष्य के दृष्टिगत अन्य विकल्पों पर भी गंभीरता से विचार किया जाए। डॉक्टरों को परिवीक्षा अवधि में भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अनुमति दी जाएगी। उन्हें असाधारण अवकाश दिया जाएगा।

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि आठ आकांक्षात्मक जिलों व 100 ब्लाकों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए मानकों के अनुसार सुधार किया जाए।

आकांक्षात्मक जिलों व ब्लाकों में कई बड़े चिकित्सा संस्थानों ने निवेश करने की इच्छा जताई है। पहले 50-50 बेड के निजी अस्पताल खोलने पर जोर दिया जाए।

मालूम हो कि जो आठ आकांक्षात्मक जिले हैं, उनमें बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, चंदौली, फतेहपुर, चित्रकूट, बहराइच व श्रावस्ती शामिल हैं।

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