Inverter AC और Non-Inverter AC में क्या है फर्क? किसे खरीदना फायदेमंद
हर चीज के अगर कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी जरूर हैं. ठीक इसी तरह Inverter AC और Non-Inverter AC के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं. अगर आप भी इस बार गर्मियों के सीजन में घर के लिए नया एसी खरीदने का प्लान कर रहे हैं लेकिन इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं कि आखिर इन्वर्टर या फिर नॉन-इन्वर्टर एसी किसे खरीदें तो आज हम आपकी इसी कंफ्यूजन को दूर करेंगे.
नया Air Conditioner खरीदने से पहले आप लोगों को Non-Inverter AC और Inverter AC के बीच क्या फर्क है और किसे खरीदने आपके लिए फायदेमंद है? इस सवाल का जवाब आपको पता होना चाहिए, नहीं तो आपके पैसे डूब भी सकते हैं.
इन्वर्टर या नॉन-इन्वर्टर कौन करता है तेज कूलिंग?
बहुत से लोगों के मन में ये सवाल घूमता रहता है कि आखिर इन्वर्टर या फिर नॉन-इन्वर्टर कौन सा एसी कमरे को तेजी से ठंडा कर सकता है? सबसे पहले बात करते हैं इनवर्टर एसी के बारे में, इस एसी का काम होता है कंप्रेसर की मोटर स्पीड को रेगुलेट करना.
यही वजह है कि जब आप लोगों का रूम ठंडा हो जाता है तो इनवर्टर एसी कंप्रेसर को बंद नहीं होने देता है बल्कि कंप्रेसर कम स्पीड पर ही चलाता रहता है. वहीं, दूसरी तरफ नॉन-इवर्टर एसी ठीक इसका उलटा काम करता है.
कीमत
इनवर्टर और नॉन-इनवर्टर एसी आपको ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही जगह मिल जाएंगे लेकिन गौर करने वाली बात यहां यह है कि दोनों ही मॉडल्स की कीमतें काफी अलग हैं. नॉन-इनवर्टर एसी की तुलना इनवर्टर एसी के लिए आपको ज्यादा पैसे चुकाने होंगे.
बिजली की बचत
एसी खरीदते वक्त अगर आप लोगों ने समझदारी नहीं दिखाई तो AC खरीदने के बाद मोटा बिजली बिल भी आपकी जेब पर बोझ बढ़ा सकता है. नॉन-इनवर्टर एसी खरीदकर आप शुरुआत में तो पैसे बचा लेंगे लेकिन एसी खरीदने के बाद नॉन-इनवर्टर एसी आपका बिजली बिल बढ़ा सकता है, ऐसा इसलिए क्योंकि नॉन-इनवर्टर एसी की तुलना इनवर्टर एसी मॉडल्स बिजली की कम खपत करते हैं. बिजली की खपत अगर कम होगी तो इसका सीधा असर बिजली बिल पर आपको साफ देखने को मिलेगा.
खराब होने पर कितना खर्च?
रोहिणी सेक्टर 3 में एक दुकान पर काम करने वाले एसी मैकेनिक से बातचीत के दौरान पता चला कि अगर इनवर्टर एसी का पीसीबी खराब हो जाता है तो ठीक करने में 5 हजार तक का खर्चा आ सकता है. वहीं, अगर आउटडोर पीसीबी खराब हो जाता है और अगर इसे रिपेयर नहीं किया जा सकता तो पार्ट को रिप्लेस करने पर खर्च दो से तीन गुना बढ़ सकता है.
वहीं, दूसरी तरफ नॉन-इन्वर्टर एसी का खर्च इन्वर्टर एसी की रिपेयरिंग और रिप्लेसमेंट कॉस्ट से बहुत ही कम है. एसी मैकेनिक ने एक बात यह भी स्पष्ट की है कि हर एरिया का रेट अलग हो सकता है, ये ठीक करने वाले पर निभर है कि वह खराब पार्ट को रिपेयर करने या फिर नया पार्ट लगाने के लिए आपसे कितना चार्ज करता है. इससे एक बात तो साफ है कि नॉन-इन्वर्टर की तुलना इन्वर्टर एसी को ठीक कराने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं.