Healthcare innovation: भारत में हेल्थकेयर में नई खोजों का बाजार 30 अरब डॉलर, 2028 तक होगा दोगुना!
भारत में हेल्थकेयर नवोन्मेष क्षेत्र में इस समय 30 अरब डॉलर के अवसर हैं जिनके वित्त वर्ष 28 तक दोगुना होने की संभावना है क्योंकि भारत का संपूर्ण हेल्थकेयर बाजार (वित्त वर्ष 23 में 180 अरब डॉलर) लगभग 12 प्रतिशत सालाना चक्रवृद्धि दर के साथ बढ़कर लगभग 320 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। बेन ऐंड कंपनी और हेल्थक्वाड की हालिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
इस रिपोर्ट – ‘हेल्थकेयर इनोवेशन इन इंडिया’ में कहा गया है कि भारत के कुल हेल्थकेयर बाजार में स्वास्थ्य संबंधी नवोन्मेष का योगदान करीब 15 प्रतिशत या 30 अरब डॉलर है जिसमें से लगभग 55 प्रतिशत निर्यात आधारित है। वित्त वर्ष 20 के 17 अरब डॉलर की तुलना में पिछले तीन वर्षों के दौरान स्वास्थ्य देखाभाल नवोन्मेष करीब दोगुना हो चुका है।
स्वास्थ्य नवोन्मेष क्षेत्र में चार प्रमुख श्रेणियां हैं – फार्मा सेवाएं जिनमें अनुबंध विकास और विनिर्माण संगठन (सीडीएमओ), अनुबंध अनुसंधान संगठन (सीआरओ), फार्मा आईटी के साथ-साथ हेल्थटेक, वैक्सीन और बायोटेक और मेडटेक शामिल हैं।
हेल्थक्वाड के प्रबंध पार्टनर चार्ल्स एंटनी जानसेन ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि 10 साल पहले भारत एनसीई के रसायन विज्ञान और एपीआई उत्पादन में विशेष रूप से मजबूत स्थिति में था, लेकिन बायोलॉजिक्स क्षेत्र में उसकी बिल्कुल भी मौजूदगी नहीं थी। हेल्थक्वाड हेल्थकेयर नवोन्मेष क्षेत्र का फंड है जिसका लक्ष्य भारत में स्वास्थ्य सेवा में बदलाव लाने वाले मॉडलों को विकसित करना है।
जानसेन ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान भारत दुनिया में कोविड-19 टीकों का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया और वैश्विक वैक्सीन निर्यात का लगभग 50 प्रतिशत भारत से हुआ। उन्होंने कहा कि इससे दो ऐसी क्षमताएं पैदा हुईं जो भारत के पास पहले नहीं थीं यानी इन टीकों को विकसित करने और बढ़ाने के लिए बायोलॉजिकल दिशा में खोज की बड़ी क्षमताएं तथा उस विशाल मात्रा के क्रियान्वयन में सक्षम होने के लिए उच्च गुणवत्ता और कम लागत वाले बायोलॉजिकल विनिर्माण का प्रतिभा समूह। इस प्रकार भारत मूल्य-श्रृंखला में आगे बढ़ रहा है।