अरुणाचल हमारा हिस्सा…एस जयशंकर की चीन को खरी-खोटी, कहा-दुनिया को न करें गुमराह
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन द्वारा बार-बार किए जा रहे दावों को सिरे से खारिज कर दिया है. चीन के दावे को नकारते हुए उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारतीय सामरिकता और अखंडता का प्रतीक है. ये भारत का एक स्वाभाविक हिस्सा है ।
वर्तमान में, जयशंकर तीन दिवसीय सिंगापुर यात्रा पर हैं और एक कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे पर एक प्रश्न के जवाब में चीन को लताड़ लगाई है. जय शंकर ने चीन की रणनीति को ध्वस्त करते हुए कहा चीन ने अपने दावों को दोहराया है, ये दावा हमारे लिए कोई नया मुद्दा नही है.
समझौते का हुआ था उल्लंघन
एक और सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा, आज भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है कि वह दो उभरती शक्तियों के बीच स्थायी संतुलन कैसे बनाए, जो पड़ोसी भी हैं और जिनका एक इतिहास और आबादी है, जो उन्हें बाकी दुनिया से अलग करती है. मई 2020 में पैंगोंग झील के पास सीमा पर हुई चीन के साथ हिंसक झड़प के बारे में जयशंकर ने बताया 2020 में चीन ने सीमा पर कुछ ऐसा हुआ था, जिससे भारत को बड़ी हैरानी हुई, क्योंकि यह दोनों देशों के द्वारा किए गए समझौतों का पूरी तरह से उल्लंघन था.
पीएम के अरुणाचल दौरे से झल्लाया था चीन
हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश में सेला सुरंग का उद्घाटन किया था. इस दौरे के दौरान, चीन ने इसे कड़ा विरोध जताया था. चीनी विदेश मंत्रालय ने इसका विरोध दर्ज किया था और उनके प्रवक्ता वेनबिन ने इस बारे में कहा था कि चीन सरकार ने कभी भी अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं माना है. यहां तक कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बारे में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और यह हमेशा ऐसा ही रहेगा.