जंगल में खोया हुआ है यह अनोखा सीढ़ियों से भरा शहर, नजारे ही नहीं, यहां की वास्तुकला भी करती है हैरान
जंगल के अंदर पुरातन शहर के रूप में शायद आपको पेरू का माचू पिचू का नाम याद आता होगा. पर दुनिया में इसी तरह के कई शहर हैं. कोलंबिया के जंगल में ऐसा ही एक शहर छिपा है जो ना केवल माचू पिचू से छह सदी पुराना है बल्कि कई लिहाज से सुंदर और आकर्षक भी. इस जगह का पता लगे बहुत ज्यादा साल नहीं हुए हैं और यहां पहुंचना भी आसान नहीं है. फिर भी जितने भी लोग यहां आते हैं, वे इस जगह के मुरीद हुए बिना नहीं रहते हैं.
सियोडॉड पर्डीडा 800 ईस्वी के आसपारस टायरोना के लोगों ने बसाया था और यह 1970 तक दुनिया से छिपा हुआ था, या भुला ही दिया गया था. इस गुमे हुए शहर का अब तक केवल 10 फीसदी हिस्सा ही दुनिया के सामने आ सका है. लेकिन जितना हिस्सा देखा गया है वह अपने आप में ही एक अनोखी और खूबसूरत कहानी बयां करता है ।
सिएरा नवेदा डि सैंटा मार्टा पर्वतों के में रहने वाले स्थानीय लोग सियोडॉड पर्डिडा के बारे में जानते हैं. इस जगह पर 250 से भी अधिक इमारतें हैं जिनका राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक तौर पर इस्तेमाल हुआ करता था. 2019 में यहां के 80 एकड़ के इलाके में पथरीले रास्ते, सुंदर सीढ़ीयां, नहरें, घर आदि देखे गए थे ।
इस जगह की दोबारा खोज की भी कहानी कम रोचक नहीं है. 1972 में स्थानीय लुटेरों का लॉस सेपुल्वेडास नाम के समूह जंगली तीतर के शिकार करते हुए अनजाने में पहुंच गए थे. एक छोटे से पक्षी को पकड़ने के चक्कर में उन्होंने पहाड़ों पर कुछ सीढ़ियों को देखा, जिन्हें चढ़ने के बाद यह शहर मिला और उसे “ग्रीन हेल” या “वाइड सेट” नाम दिया.इस अनोखे टूरीस्ट डेस्टिनेशन तक पहुंचना आसान नहीं है. बस या ट्रेन से पास के शहर कुसको पहुंचने के बाद यहां जाने के लिए 90 मिनट तक पैदल चलना होता है. इस दौरान नदी पार करना, खड़ी पहाड़ी चढ़ना होता है और कटिबंधीय गर्मी का भी सामना करना होता है. चार दिन का यह सफर हर किसी के बस की बात नहीं है ।
शायद यही कारण है कि पिछले 10 साल से पर्यटकों के खुला होने के बाद भी यहां बहुत कम लोग पहुंचे हैं. लेकिन यहां जो भी पहुंचा है उसने इस कठिन सफर का अफसोस नहीं हुआ है. यहां आने वाले लोग इस इलाके की खूब तारीफ करते हैं और कई टूरिस्ट कंपनियां भी इसके लिए पैकेज ऑफर कर रहे हैं. इस शहर की सबसे खास बात यह है कि शहर के बहुत सारे हिस्से पत्थरों से बने ऊंचे नीचे रास्तों से जुड़े हुए हैं. सीढ़ियां और सड़क सभी खेतों से जुड़े हैं इससे बारिश के पानी को जमा करने और नियंत्रित किया जाता था और इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता था कि इससे मिट्टी पानी में बहती नहीं थी. यह अपने आप में वास्तुकला का एक बहुत ही बड़ा नमूना है.