कोहरे ने रोकी दिल्ली-एनसीआर की रफ्तार, लो विजिबिलिटी से ट्रेनें लेट, उड़ानों पर भी असर; 2 दिन और मुश्किल भरे
दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के शहरों में ठंड और कोहरे का कहर देखने को मिल रहा है। दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद समेत सभी शहर बुधवार को भी घने कोहरे की चपेट में हैं। राजधानी में सुबह से ही घने कोहरे की चादर छाने से कुछ जगहों पर विजिबिलिटी घटकर लगभग जीरो के आसपास रह गई है। इससे सड़कों पर वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई है।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार को भी दिल्ली और आसपास के इलाकों में सुबह से ही कोहरे की मोटी चादर छाई रही। कोहरे से हवाई और रेल यातायात भी प्रभावित रहा। दिल्ली के पालम मौसम केंद्र में सुबह दृश्यता का स्तर 50 मीटर से भी कम रिकॉर्ड किया गया। इस दौरान राजधानी का अधिकतम तापमान 23.8 डिग्री सेल्सियस, जबकि, न्यूनतम 07 डिग्री सेल्सियस रहा। दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने वाले 11 विमानों को जयपुर और एक विमान को लखनऊ के लिए डायवर्ट करना पड़ा। इसके अलावा करीब बीस ट्रेन का संचालन देरी से हुआ।
क्या है वजह
प्रादेशिक मौसम पूर्वानुमान केंद्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव बताते हैं कि पिछले दिनों पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव देखने को मिला था। इससेे वायु मंडल में नमी बढ़ी है। हवा की रफ्तार भी कम है। उन्होंने बताया कि इन सब वजहों से कोहरा छा रहा है।
दो दिन राहत के आसार नहीं
मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिनों तक कोहरे की स्थिति कमोबेश ऐसी ही बनी रहने की संभावना है। हालांकि, दो दिन बाद नमी के स्तर में थोड़ी कमी आएगी।
विजिबिलिटी कम होने के कारण यातायात व्यवस्था चरमराई
राजधानी में मंगलवार तड़के घने कोहरे के चलते यातायात व्यवस्था चरमरा गई। लो विजिबिलिटी से जहां सड़क, रेल और विमान सेवाएं प्रभावित हुई, वहीं यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हवाईअड्डा अधिकारियों के मुताबिक, कोहरे के चलते विमानों को उतरने में परेशानी का सामना करना पड़ा। दिल्ली हवाई अड्डे पर कुल मिलाकर तीस विमानों का संचालन प्रभावित होने की खबर है।
गंभीर श्रेणी में हवा, प्रदूषण से दो दिन तक राहत की उम्मीद नहीं
राजधानी में मंगलवार को घने कोहरे के बीच आठ इलाकों की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई। यहां पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 से ऊपर दर्ज किया गया। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिन तक प्रदूषण के स्तर में और भी इजाफा होने का अनुमान है।
इस वर्ष दिल्लीवासी अक्तूबर के दूसरे सप्ताह से प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं। 20 अक्तूबर से एक भी दिन ऐसा नहीं रहा, जब वायु गुणवत्ता साफ-सुथरी रही हो। इस बीच ज्यादातर दिनों में वायु गुणवत्ता का स्तर खराब, बेहद खराब, गंभीर या अत्यंत गंभीर श्रेणी में रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, मंगलवार को औसत एक्यूआई 377 से अधिक रहा। इस स्तर की हवा को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है। सोमवार को यह सूचकांक 383 था, यानी चौबीस घंटे में सिर्फ छह अंकों का सुधार हुआ। हालांकि, अभी भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में है। वहीं, चिंता की बात यह है कि मंगलवार को दिल्ली के आठ इलाके ऐसे रहे, जिनका सूचकांक 400 से ऊपर यानी गंभीर श्रेणी में रहा। वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, अगले दो दिन तक हवा की रफ्तार दस किलोमीटर प्रति घंटे से कम रहने की संभावना है।