अखिलेश यादव कन्नौज लोकसभा सीट से ही लड़ेंगे चुनाव? कल कर सकते हैं ऐलान
यूपी की कन्नौज लोकसभा सीट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने को लेकर चल रही अटकलबाजी पर कल यानि गुरुवार को विराम लग सकता है। सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव गुरुवार को कन्नौज आ रहे हैं।
यही नहीं सपाइयों का दावा है कि अखिलेश यादव इस दौरान यहां से चुनाव लड़ने की घोषणा कर सकते हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि 23 अप्रैल को नामांकन कराने की तैयारी है। वहीं बीते दिन अखिलेश यादव ने कन्नौज में प्रचार के दौरान पूछे जाने पर खुलकर ऐलान तो नहीं किया, लेकिन इशारों में कन्नौज से लड़ने का इशारा किया था। उन्होंने कहा था कि कन्नौज से दो दशक से भी ज्यादा पुराने रिश्ता है। कन्नौज मेरा घर है इसे नहीं छोड़ सकता है।
दरअसल, कन्नौज लोकसभा सीट से अखिलेश यादव लड़ेंगे कि नहीं इसको लेकर संशय बना हुआ। पहले चर्चा चली कि अखिलेश यादव कन्नौज से चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के भाई रणवीर सिंह के पौत्र तेज प्रताप यादव को कन्नौज से प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा तेज हुई। कहा जाने लगा कि अगर अखिलेश यादव ने कन्नौज से चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया तो संभव है कि वहां से तेज प्रताप यादव को उतार दिया जाए। हालांकि तेज प्रताप को लेकर रामपुर से प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा भी थी।
कन्नौज में सपा क्यों कर रही देरी?
चर्चा है कि कन्नौज में सपा की देरी प्लान के तहत है। लोगों का कहना है कि अखिलेश इससे पहले दौरे में इशारा किया था। इस दौरान यहां से चुनाव लड़ने का ऐलान कर सकते थे पर नहीं किया इसके पीछे वजह थी कि सपा को लगाता था कि बीजेपी सुब्रत पाठक की जगह किसी और प्रत्याशी बना देती। यहीं नहीं अगर कन्नौज से अखिलेश यादव चुनाव लड़ने का ऐलान पहले कर देते तो सपाइयों का सारा फोकस कन्नौज पर हो जाता है। ऐसे में दिक्कत होती है। हालांकि यह तो लोगों के तर्क हैं। अब देखना अखिलेश यादव का निर्णय क्या होता है।
बसपा से अकील तो बीजेपी सुब्रत पाठक चुनाव मैदान में
बसपा प्रमुख मायावती ने कन्नौज से अकील अहमद को बसपा का प्रत्याशी बनाया है। अकील लंबे समय तक सपा में रहे हैं। अकील के आने से अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भाजपा ने यहां से पहले ही सुब्रत पाठक को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। सुब्रत पाठक ने अंतिम दिन 25 को नामांकन करेंगे।