बॉर्डर सेफ रहेंगे तो देश प्रगति करेगा…NSA डोभाल ने CAPF के बीच तालमेल का दिया सुझाव

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने शुक्रवार को सुझाव दिया कि देश के विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के बीच उसी तरह का तालमेल और एकजुटता होनी चाहिए जैसे कि तीनों सेनाओं के लिए मौजूदा योजना के तहत चल रहा है. लगभग 10 लाख की संख्या वाले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में एनडीआरएफ और एनएसजी के अलावा बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ और एसएसबी शामिल हैं और उन्हें भीतरी इलाकों और सीमाओं पर विभिन्न आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों को पूरा करने के लिए तैनात किया गया है.
डोभाल ने कहा कि क्या हमें अपने सीपीओ (केंद्रीय पुलिस संगठनों) में तालमेल के बारे में सोचना चाहिए? तालमेल से हम हथियारों और अन्य चीजों में अंतरसंचालनीयता प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि रक्षा बलों में यह (तालमेल) अब किया जा रहा है. हम थिएटर कमांड के बारे में सोच रहे हैं.
देश की सुरक्षा में सीमा सुरक्षा बलों की भूमिका
वायु सेना का एक अधिकारी संभवतः नौसेना और वायु सेना को नियंत्रित कर रहा है और कई क्षेत्रों में तालमेल बैठाया गया है. वहां (रक्षा बलों में) यह अधिक कठिन था. उनके सिद्धांत अलग हैं, उनकी कमान और नियंत्रण प्रणाली अलग हैं लेकिन यहां (सीएपीएफ) भी लगभग वैसा ही है. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 21वें अलंकरण समारोह पर आयोजित रुस्तमजी मेमोरियल व्याख्यान में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने में बीएसएफ जैसे सीमा सुरक्षा बलों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है.
उन्होंने कहा कि यदि भारत की सीमाएं और सुरक्षित तथा स्पष्ट होतीं तो भारत ने अधिक तेजी से तरक्की की होती. उन्होंने साथ ही रेखांकित किया कि पिछले 10 वर्षों में देश की ताकत तेजी से बढ़ी है. उन्होंने कहा कि सीमाएं अहम हैं क्योंकि वे हमारी संप्रभुता परिभाषित करती हैं.
सीमा सुरक्षा पर सरकार का ध्यान
डोभाल ने कहा कि हमारी संप्रभुता की सीमा वह स्थान है जहां हमारा सैनिक जा सकता है और अपना पैर रख सकता है. जमीन पर जो कब्जा है वो अपना है बाकी तो सब अदालत और कचहरी का काम है, उससे फर्क नहीं पड़ता. डोभाल ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने पिछले 10 वर्ष में सीमा सुरक्षा पर बहुत अधिक ध्यान दिया है और इस अवधि में हमारी व्यापक राष्ट्रीय शक्ति बहुत बढ़ी है.
पाकिस्तान दो टुकड़ों में बंटा
उन्होंने कहा कि भारत तेजी से बदल रहा है और अगले 10 वर्ष में हम 10 हजार अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था और तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे. डोभाल ने इसे अहम उपलब्धि करार दिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दो टुकड़ों में बंट गया क्योंकि वह अपने पूर्वी हिस्से में आंतरिक सुरक्षा का प्रबंधन नहीं कर सका. उन्होंने सोवियत संघ का उदाहरण देते हुए कहा कि वह कई अन्य देशों और कुछ अफ्रीकी देशों में बंट गया था.
अपनी सीमाओं का अनुमान
उन्होंने कहा कि जब हम रणनीतिक योजना और सोच-विचार करते हैं, तो हमारे लिए अपनी सीमाओं का अनुमान लगाना और उनके बारे में स्पष्टता रखना जरूरी है. उन्होंने कहा कि भारत के पास सबसे बड़े कार्यबलों में से एक होगा और यह उच्च प्रौद्योगिकी कृत्रिम मेधा, सेमीकंडक्टर, क्वांटम कंप्यूटिंग और रक्षा एवं सुरक्षा विनिर्माण के क्षेत्रों का गढ़ होगा.
समृद्धि सुरक्षा की गारंटी
डोभाल ने कहा कि जो देश दूसरे देशों से हथियार मंगाता था उसने 31 मार्च तक 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के हथियारों का निर्यात किया और इस प्रकार से यह सरकार की आत्मनिर्भरता और भारत की नीति के कारण एक बड़े निर्यातक के रूप में उभरा. उन्होंने कहा कि इस बदलते हुए भारत में कुछ हद तक समृद्धि सुरक्षा की गारंटी है और कई बड़े क्षेत्रों में संवेदनशीलता बढ़ाती है.
डोभाल ने मोदी सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले 10 वर्ष के दौरान देश ने एक ऐसी सरकार देखी है जिसने हमारी सीमाओं की सुरक्षा और प्रबंधन पर बहुत अधिक ध्यान दिया. उन्होंने कहा कि ऐसी कोई दिवाली नहीं है, जिसमें हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की सबसे सुदूर सीमा पर न गए हों.

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