इब्राहिम रईसी की मौत का जश्न मनाने के लिए ईरानियों ने क्यों पोस्ट की न्यूड तस्वीरें?

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद ईरान के लाखों लोगों ने शोक मनाया और करीब 30 लाख से ज्यादा लोग उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए. वहीं कुछ लोग ऐसे भी रहे जिन्होंने रईसी की मौत का जश्न मनाया. कुछ महिलाओं ने उनकी मौत का जश्न एक अलग अंदाज में मनाया है और सोशल मीडिया पर नग्न तस्वीरें पोस्ट की हैं. रईसी को कई लोग ‘ईरान का कसाई’ भी कहते थे और अब वे उनकी मौत पर खुद को आजाद महसूस कर रहे हैं.

राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत पर दुख जताती हुईं हजारों महिलाएं बुर्के में नजर आई थीं. वहीं कुछ ईरानी महिलाएं और पुरुषों ने मौत की खबर के बाद अपनी नग्न तस्वीरें पोस्ट कर जश्न मनाया. पॉलिटिकल साइंटिस्ट और रिसर्चर हनीह ज़ियाई ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, रईसी की मौत पर खुशी जाहिर करने के लिए नग्न होना ‘घुटन’ से मुक्त होने की खुशी को जाहिर करने का एक तरीका है. ज़ियाई ने कहा, उन्हें घुटन महसूस होती है, इसलिए वे सब कुछ उतारना चाहते हैं और यह शायद इसी तरह की घुटन की अभिव्यक्ति है.
कैसे शुरू हुआ ऐसे जश्न मनाना?
ईरान इंटरनेशनल की खबर के मुताबिक रईसी की मौत का जश्न नग्न होकर बनाने की बात एक इन्फ्लुएंसर द्वारा एक्स पर किए गए एक ट्वीट से हुई. जिसमें उन्होंने रईसी के लापाता होने पर कहा था कि अगर रईसी की मौत हुई तो मैं नग्न फोटो शेयर करूंगी. हालांकि इस बात का पता नहीं चल पाया है कि उसने इसे मजाक या साहस के रूप में कहा था और राजनीतिक अभिव्यक्ति के रूप में, लेकिन इसके बाद कुछ ईरानी इस मुहिम में शामिल हो गए और नग्न हो गए.
“नग्नता हमेशा से विरोध करने का प्रतीक”
सोशल मीडिया आंदोलनों पर नजर रखने वाली सियावाश रोक्नी ने ईरान इंटरनेशनल से कहा, ईरान में महिलाओं या पुरुष दोनों को ही जबरन बॉडी ढकने के लिए कहा जाता है, ऐसा न करने वालों को जेल होती है. इस उत्पीड़न को दूर करने के लिए बॉडी का इस्तेमाल करना उत्पीड़न को खारिज करने के साथ फिट बैठता है.

उन्होने कहा, नग्न होना हमेशा से विरोध जताने का तरीका रहा है. हिप्पी प्रोटेस्ट जोकि 1960 और 70 के दशक में एक एंटी वॉर आंदोलन था उसमें भी नग्नता का इस्तेमाल किया गया था. फेमिनिस्ट आंदोलनों में महिलाओं ने अपने अधिकारों की मांग के लिए अक्सर नंग्रता का इस्तेमाल किया है.

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