राजकोट अग्निकांड: पुलिस ने मुख्य आरोपी धवल ठक्कर को किया गिरफ्तार, घटना के बाद से था फरार
गुजरात में राजकोट गेमिंग जोन में आग लगने का मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी धवल ठक्कर को गिरफ्तार कर लिया है. टक्कर को राजस्थान के आबू रोड से पकड़ा गया है. गेम जोन में आग लगने के बाद ठक्कर फरार हो गया था. गेमिंग जोन में आग की घटना में कुल 27 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें अधिकतर बच्चे थे. घटना के बाद पुलिस तीन लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी. इसमें मुख्य आरोपी का साझेदार राहुल राठौर भी शामिल है.
गेमिंग जोन में आग की घटना के बाद राजकोट तालुका पुलिस ने मामले में धवल कॉरपोरेशन के मालिक धवल ठक्कर, और रेसवे इंटरप्राइज के साझेदार अशोक सिंह जडेजा, किरितसिंह जडेजा, प्रकाश चंद हिरन, युवराज सिंह सोलंकी तथा राहुल राठौर को आरोपी बनाया है. पुलिस ने सोलंकी और नितिन की रविवार को ही गिरफ्तार कर लिया था.
60 मिटर लंबा ढांचा बना रखा था
गेमिंग जोन में आग शनिवार शाम को लगी थी. देखते ही देखते आग ने पूरे एरिया को अपनी चपेट में ले लिया था. पुलिस में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, आरोपी व्यक्तियों ने गेम जोन बनाने के लिए मेटल शीट फैब्रिकेशन का उपयोग करके लगभग दो-तीन मंजिला ऊंचा, 50 मीटर चौड़ा और 60 मीटर लंबा ढांचा बना रखा था. संचालकों के पास इमरजेंसी में आग बुझाने के लिए फायर उपकरण भी नहीं थे. इसके अलावा गेमिंग जोन को स्थानीय फायर डिपार्टमेंट से एनओसी भी नहीं मिली थी.
शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराए गए
घटना में कुछ बच्चों के शव इतने बुरी तरह से जल गए थे कि उन्हें पहचान पाना भी मुश्किल था. ऐसे में कुछ शवों की पहचान डीएनए जांच के जरिए की गई. गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने सोमवार को कहा कि राजकोट में आग से तबाह टीआरपी गेम जोन से बरामद नौ शवों की पहचान डीएनए जांच के माध्यम से की गई है. ये शव इतने ज्यादा जल गए थे कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही थी.
कई अधिकारियों का तबादला
आग की घटना के बाद सरकार ने शहर के पुलिस आयुक्त, दो अन्य आईपीएस अधिकारियों और नगर आयुक्त का तबादला कर दिया. पुलिस आयुक्त राजू भार्गव, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विधि चौधरी और पुलिस उपायुक्त (जोन -2) सुधीर कुमार देसाई को बिना तैनाती के ट्रांसफर कर दिया गया. वहीं, राजकोट नगर आयुक्त और आईएएस अधिकारी आनंद पटेल का भी तबादला कर दिया.