जिस देश में अमेरिका दिखाता था अपना दम, वहां सऊदी अरब ने उठाया ये कदम

सऊदी अरब ने 12 साल बाद सीरिया में अपना पहला राजदूत नियुक्त किया है. 2012 में सीरिया से संबंध से खराब होने के बाद सऊदी ने वहां पर अपने राजदूत की नियुक्ति नहीं की थी. इस साल की शुरुआत में सऊदी अरब ने सीरिया में अपने दूतावास को फिर से खोला था. सीरिया में नियुक्त होने वाले सऊदी अरब के राजदूत का नाम डॉ. फैसल अल-मुजफेल है.
सऊदी अरब और सीरिया के बीच राजनयिक संबंध 2011 के बाद से बिगड़ गए थे. ये वो दौर था जब सीरिया में गृहयुद्ध चल रहा था. युद्ध के बाद से लाखों लोग विस्थापित हुए हैं और सीरिया में मानवीय और आर्थिक संकट पैदा हो गया है. सऊदी अरब ने कई अन्य अरब देशों के साथ 2012 में सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार के साथ राजनयिक संबंध तोड़ दिए थे.
2023 में सऊदी अरब और ईरान के बीच एक समझौते के हिस्से के रूप में राजधानी दमिश्क में अपने दूतावास को फिर से खोलने पर सहमत हुआ. बाद में असद के शासन के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए कुछ अरब देशों के पहल के बाद सीरिया को अरब लीग में फिर से शामिल किया गया. सामान्यीकरण के प्रयासों से सीरियाई शरणार्थियों पर वापस लौटने का दबाव बढ़ गया है. उधर अमेरिका और यूरोपीय संघ सीरिया और असद शासन पर प्रतिबंध लगाना जारी रखे हुए हैं.
साल 2011 में सीरिया में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए थे. राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार ने इसे क्रूरता से दबा दिया था. इसके विरोध में सऊदी अरब ने सीरिया के साथ अपने संबंधों को निलंबित कर दिया था. सऊदी ने साल 2012 में सीरिया के साथ अपने संबंध तोड़े थे. इस गृहयुद्ध में 5 लाख लोगों की जान जा चुकी है. सीरिया में असद सरकार और लेबनान के गुट हिजबुल्लाह के लिए ईरान एक प्रमुख राजनीतिक और सैन्य सहयोगी रहा है.
सीरियाई गृहयुद्ध में अमेरिका ने किया था हस्तक्षेप
22 सितंबर 2014 को अमेरिका ने सीरियाई गृहयुद्ध में आधिकारिक तौर पर हस्तक्षेप किया. उसका उद्देश्य आतंकवादी संगठन ISIS से लड़ना था. अमेरिका सीरियाई विद्रोहियों और कुर्द नेतृत्व वाली सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेस का समर्थन करता है. ये विद्रोही और सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेस इस्लामिक स्टेट और सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद दोनों का विरोध करते हैं.
2011 में गृह युद्ध की शुरुआत के कुछ समय बाद ही ओबामा प्रशासन ने सीरिया के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिए थे. अगस्त 2014 में पूर्वी सीरिया पर इस्लामिक स्टेट के कब्जे के बाद अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने के लिए सीरिया में ड्रोन ऑपरेट किया. सितंबर 2014 में अमेरिका ने सीरिया के अंदर इस्लामिक स्टेट और अल-नुसरा फ्रंट के खिलाफ हवाई अभियान शुरू किया.

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