ऑनलाइन ही नहीं ऑफलाइन भी चोरी हो सकता है डेटा, बचने के लिए अपनाएं ये तरीके
इंटरनेट पर्सनल डिटेल्स चोरी होने का सबसे बड़ा जरिया बनता है. स्पैम मैसेज, मेल्स या कॉल्स करके फोन या कंप्यूटर को हैक करके डेटा चोरी किया जाता है. इसकी वजह से आपका बैंक खाली हो सकता है या कोई भी और परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. आपकी जरा-सी लापरवाही की वजह से बिना इंटरनेट के भी डेटा चोरी करा सकता है. इससे बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें और इन तरीकों को अपनाएं.
ऑनलाइन शॉपिंग पड़ ना जाए भारी
जब भी आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं और पार्सल डिलीवर होता है तो उसके डिब्बे को फेक दिया जाता है. आप ये भूल जाते हैं कि उस पर आपके नाम की स्लिप लगी होती है. जिस पर नाम के साथ एड्रेस और मोबाइल नंबर भी मेंशन होते हैं. आपका यही नंबर आपके बैंक अकाउंट से कनेक्ट होता है और बाकी डॉक्यूमेंट से भी जुड़ा होता है. अगर ये किसी गलत हाथों में पड़ जाएगा तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है.
कई बार पैन कार्ड या कोई भी दूसरे डॉक्यूमेंट जैसे आधार कार्ड आदि की फोटोकॉपी पुरानी हो जाती है तो उसे फेंक देते हैं. लेकिन आपको इन्हें फेंकने के बजाय डिस्ट्रॉय कर देना चाहिए. इससे ये किसी गलत व्यक्ति के हाथ नहीं लगेंगे और आप नुकसान से बच जाएंगे.
फोटोकॉपी कराते टाइम रखें ध्यान
जब भी आप अपना कोई भी डॉक्यूमेंट फोटोकॉपी कराने के लिए जाते हैं तो हमेशा ऐसी शॉप पर जाएं जिस पर आपको भरोसा हो. क्योंकि फोटोकॉपी कराने जाते हैं तो वो डेटा हार्ड डिस्क में स्टोर होता रहता है. हालांकि आप उन्हें डेटा डिलीट करने के लिए भी कह सकते हैं. इसके अलावा आप चाहें तो ऑफिस की मशीन को यूज कर सकते हैं. लेकिन एक बात जरूर चेक करलें कि मशीन लीज पर तो नहीं है.
इसके अलावा कई लोग किसी भी पेज पर बेवजह अपने साइन (हस्ताक्षर) करके देखते रहते हैं. लेकिन ये गलती भी आप पर भारी पड़ सकती है, अगर आपका साइन किया हुआ पेज किसी गलत शख्स के हाथों में लग जाएगा तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है.
फोन में पास्वर्ड और प्राइवेसी का ध्यान रखें. अपने फोन में किसी भी थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल ना करें. अगर कर रहे हैं तो उसे वेरिफाई जरूर करलें. कोई ऐप इंस्टॉल करने से पहले चेक करें, एपल ऐप स्टोर या गूगल प्ले स्टोर से ही ऐप डाउनलोड करें.