जिस ‘करतूत’ के लिए पूरी दुनिया में बदनाम है सऊदी और ईरान, अमेरिका भी उस लिस्ट में ऊपर आया

साल 2023 में दुनिया में कितने लोगों को सजा-ए- मौत हुई है? इसका जवाब दिया है एमनेस्टी इंटरनेशनल संस्था ने अपने नए आंकड़ो के जरिए. 2023 में सजा-ए-मौत के 1153 मामले दर्ज किए. 2022 के मुकाबले इसमें 31 फीसदी का इजाफा हुआ है. यही नहीं 2015 के बाद से दर्ज किया गया ये सबसे बड़ा आंकड़ा है. 2015 में संस्था ने 1634 मामले दर्ज किए थे.
संस्था ने इस बढ़ोतरी में ईरान को जिम्मेदार ठहराया है. संस्था की सेक्रेटरी जनरल ने कहा है कि ईरान में नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए फांसी की सजा के मामलों में तेजी देखी गई है. इससे ईरान के सबसे हाशिए पर खड़े और गरीब समुदायों पर भेदभावपूर्ण प्रभाव पड़ा है. सऊदी अरब तो पहले ही इस लिस्ट में शामिल रहा है अमेरिका भी टॉप 5 देशों में आ गया है जहां सजा-ए-मौत सबसे ज्यादा दी जाती है.
5 देश जहां दी जाती है अधिक सजा-ए-मौत
एमनेस्टी के मुताबिक साल 2023 में पांच देशों ने सबसे ज्यादा सजा-ए-मौत दी है. इसमें चीन, ईरान, सऊदी अरब, सोमालिया और अमेरिका का नाम आता है. ईरान में मृत्यु दंड के 74 फीसदी मामले रिपोर्ट हुए हैं. 853 लोगों को फांसी की सजा दी गई है. वहीं 15 प्रतिशत केस सऊदी अरब में दर्ज हुए. यहां 172 लोगों को सजा ए मौत दी गई. अमेरिका में वहीं संख्या 24 है. महिलाओं को मृत्यु दंड चार देशों में सबसे ज्यादा दिया गया. चाइना, ईरान में 24, सऊदी अरब में 6 और सिंगापुर में 1.
चीन, उत्तर कोरिया के आंकड़े नहीं मिले
एमनेस्टी का कहना है कि सबसे ज्यादा मृत्यु दंड चीन में दिया जाता है. लेकिन चीन में दी जाने वाली मौत की सजा के मामलों पर कोई आधिकारिक आंकड़े नहीं हैं. संस्था के अनुमान के मानें तो पिछले साल चीन में हजारों लोगों को सजा-ए-मौत दी गई थी.
चीन की तरह एमनेस्टी के पास उत्तर कोरिया, वियतनाम, सीरिया, फलस्तीनी क्षेत्र और अफगानिस्तान के ऑफिशियल डेटा नहीं मिल सकें.
एमनेस्टी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी पाया कि 2023 में वैश्विक स्तर पर मौत की सजा में 20 पर्सेंट का इजाफा हुआ है. यह 2018 के बाद से दी गई मौत की सजा का सबसे बड़ा आंकड़ा है.
ईरान में फाँसी की घटनाएं क्यों बढ़ीं
ईरान में अधिकारियों ने आबादी में डर पैदा करने और सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए मौत की सजा का इस्तेमाल तेज़ कर दिया है. देश भर में फाँसी की सजाएँ दीं. कम से कम 853 लोगों को फाँसी दी गई. 2022 में 576 से 48% की बढ़ोतरी है. फाँसी ने ईरान के बलूची जातीय अल्पसंख्यकों पर असमान रूप से प्रभाव डाला. इन समुदायों में 20% लोगों को फाँसी दी गई भले ही वे ईरान की आबादी का लगभग 5% ही हैं. कम से कम 24 महिलाओं और कम से कम पांच लोगों को, जो अपराध के समय बच्चे थे उन्हें भी नहीं बख्शा गया.
अमेरिका में अपनाए गए क्रूर तरीके
कुछ चुनिंदा अमेरिकी राज्यों ने मौत की सज़ा के प्रति गंभीर कदम उठाए हैं. nitrogen asphyxiation जैसे क्रूर विधि के जरिए मृत्युदंड दिया गया है. अलबामा में केनेथ स्मिथ को इस वर्ष की शुरुआत में, एक असफल प्रयास के केवल 14 महीने बाद इस विधि का इस्तेमाल करके शर्मनाक ढंग से मार डाला गया था. संस्था का कहना है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन को संघीय मृत्युदंड को समाप्त करने के अपने वादे में देरी करना बंद करना चाहिए.
किन देशों में समाप्त हो चुका है?
मानवाधिकार कार्यकर्ता मृत्यु दंड की सजा का विरोध करते हैं ताकि उन मामलों को रोका जा सके जहां ये सजा ए मौत के बाद पता चलता है कि अभियुक्त तो निर्दोष था. लेकिन बावजूद इसके इसमें बढ़ोतरी हो रही है. पर कुछ देश हैं जहां इसे खत्म कर दिया गया है.
साल 1991 में इस लिस्ट में 48 देश शामिल थे. वहीं 2023 में मृत्यु दंड की व्यवस्था को खत्म करने वाले देशों की संख्या बढ़कर 112 हो गई. नौ देश ऐसे हैं जहां सिर्फ गंभीर अपराधों के लिए मृत्यु दंड दिया जाता है, वहीं 23 देश ऐसे हैं जहां पिछले एक दशक में मौत की सजा का इस्तेमाल नहीं किया गया है.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *