1947 में पाकिस्तान से आकर शुरू किया नमक का कारोबार, अब बनाते हैं हेलमेट
दिल्ली से 5.15 घंटे में 271.9 किलोमीटर का सफर करने के बाद हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में बदी इंडस्ट्रियल एरिया आता है. यहां ऑटो सेक्टर और फार्मेसी की कई सारी फैक्ट्री हैं, जिसमें से एक ऐसी फैक्ट्री है जहां देश के सबसे मजबूत हेलमेट का निर्माण होता है. इस कंपनी ने बीते फाइनेंशियल ईयर में 80 लाख हेलमेट देश और विदेश में बेचे हैं और इस कंपनी की शुरुआत आज से ठीक 60 साल पहले 1964 में सुभाष कपूर ने की थी. कंपनी के फाउंडर सुभाष कपूर 1947 में पाकिस्तान से बंटवारे के बाद भारत आए थे. हेलमेट बनाने से पहले सुभाष कपूर ने कई कारोबार में हाथ आजमाया जिसमें उनकी देश में पहला बिजनेस था नमक की पैकिंग करके सेल करने का.
आप सोच रहे होंगे कि आज से 60 साल पहले 1964 में कंपनी के फाउंडर सुभाष कपूर को कैसे आइडिया आया कि देश में आने वाले दिनों में हेलमेट का बिजनेस खूब फलेगा फूलेगा. जबकि उस समय देश के अंदर टू-व्हीलर गिने चुने थे. अब तक आप सोचने के लिए मजबूर हो गए होंगे कि आखिर हम किस हेलमेट बनाने वाली कंपनी की बात कर रहे हैं. चलिए अब इससे पर्दा हटा ही देते हैं तो जनाब हम बात कर रहे हैं देश की सबसे बड़ी हेलमेट निर्माता कंपनी स्टीलबर्ड की.
तीन पीढ़ी के हाथ में बिजनेस की कामान
1964 में बेशक स्टीलबर्ड के फाउंडर सुभाष कपूर ने इसकी शुरुआत की थी, लेकिन इसे ऊंचाई तक पहुंचाने का काम किया 1989 में फैमिली बिजनेस को ज्वाइन करने वाले सुभाष कपूर के बेटे राजीव कपूर ने और अब स्टीलबर्ड को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं उनके बेटे कशिश कपूर. जब हमने स्टीलबर्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर सुभाष कपूर से पूछा कि स्टीलबर्ड हेलमेट बनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है तो उन्होंने बताया कि स्टीलबर्ड कंपनी को शुरू करने का मकसद था कि रोड एक्सीडेंट में खराब हेलमेट की वजह से किसी की जान नहीं जाए.
सबकुछ पाकिस्तान में छोड़ कर आए भारत
स्टीलबर्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव कपूर ने बताया कि 1947 में देश के बंटवारे से पहले उनका परिवार पाकिस्तान में रहता था और वहां उनका सोने का व्यापार था, लेकिन बंटवारे के समय अचानक सबकुछ हुआ और इस भागमभाग में उनके पिता अपने साथ कुछ भी नहीं ला पाएं.
नमक की थैली बांध कर बेचना किया शुरू
राजीव कपूर ने बताया कि भारत आने के बाद नया बिजनेस शुरू करने के लिए उनके पिता के पास पैसे नहीं थे और घर का खर्च चलाना बेहद जरूरी था. ऐसी स्थिति में उनके पिता ने नमक की थैली बांध कर बेचना शुरू किया और किसी तरीके से परिवार का पालन-पोषण किया.
देश-विदेश में बिकते हैं स्टीलबर्ड के हेलमेट
स्टीलबर्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव कपूर के अनुसार स्टीलबर्ड देश की नंबर वन हेलमेट निर्माता कंपनी है. उन्होंने बताया कि स्टीलबर्ड देश के साथ विदेश में भी हेलमेट सप्लाई करती है. साथ ही इस साल कंपनी का लक्ष्य 10 मिलियन हेलमेट बेचने का है. साथ ही स्टीलबर्ड आने वाले दिनों में अपनी नई हेलमेट की सीरीज लॉन्च करेगी.