10 साल में 20 हजार करोड़ खर्च फिर भी गंगा मैली… कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा

लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में 1 जून को वाराणसी में भी मतदान होगा, लेकिन उससे पहले गंगा को लेकर सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि पिछले दस साल में गंगा की सफाई के नाम पर 20,000 करोड़ से ज्यादा खर्च हो चुके हैं लेकिन नतीजे जमीन पर नज़र नहीं आ रहे. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर इस बाबत एक लंबी पोस्ट शेयर की है और दावा किया है कि पिछले दस साल में राष्ट्रीय गंगा परिषद की महज दो बार बैठक हुई है. साल 2022 के बाद गंगा को लेकर कोई बैठक नहीं हुई.
जयराम रमेश ने दावा किया कि गंगा 2014 की तुलना में पहले से ज्यादा प्रदूषित हो गई है. उन्होंने कहा कि यहां प्रदूषित क्षेत्रों की संख्या पहले 51 थी लेकिन अब 66 हो गई है. यहां पानी में एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया मिलने लगे हैं. उन्होंने कहा कि इसी साल फरवरी महीने में बिहार सरकार की एक रिपोर्ट सामने आई, जिसमें बताया गया कि गंगा का पानी न तो नहाने योग्य है और न ही खेतों की फसलों के योग्य.

On June 1, the ancient and holy city of Varanasi will cast its vote. Narendra Modi has been its MP for 10 years and has spent 10 years promising to revive the Ganga.
One of the outgoing PMs first steps was to rebrand Mission Ganga, launched in 2009, into Namami Gange. Mission pic.twitter.com/yyH0b3KBet
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 31, 2024

‘नाम बदले लेकिन काम नहीं हुआ’
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में मिशन गंगा लॉन्च किया गया था, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर नमामि गंगे कर दिया गया. उन्होंने कहा कि पूर्व की केंद्र सरकार ने 2009 में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की स्थापना की थी, लेकिन इसका नाम भी बदल कर राष्ट्रीय गंगा नदी परिषद कर दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि परिषद को जैसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
जयराम रमेश ने भ्रष्टाचार का किया दावा
कांग्रेस नेता ने अपनी पोस्ट में नमामि गंगा प्रोजेक्ट पर भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया है कि यहां जिस निजी ठेकेदार को कॉन्ट्रेक्ट दिया गया, उसकी खराब परफॉरमेंस के बावजूद उसे फंड जारी किया गया. इसी के साथ उन्होंने सीएजी ऑडिट रिपोर्ट में योजना को लेकर बताई गई खामियों की ओर भी इशारा किया.

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