एग्जिट पोल से पहले सामने आए इकोनॉमी के नतीजे, हर मोर्चे पर सरकार को मिली खुशखबरी

लोकसभा चुनावों के लिए कल यानी शनिवार को अंतिम चरण का मतदान है. शाम 6 बजे मतदान पूरा होने के बाद लोकसभा चुनावों का एग्जिट पोल भी रिलीज हो जाएगा. लेकिन इससे ठीक एक दिन पहले शुक्रवार को देश की इकोनॉमी से जुड़े कई नतीजे सामने आए हैं और लगभग हर पैरामीटर पर सरकार के लिए ये खुशखबरी का दिन है.
देश के सांख्यिकी मंत्रालय से लेकर भारतीय रिजर्व बैंक तक ने शुक्रवार को देश की इकोनॉमी से जुड़े अलग-अलग पैरामीटर्स के आंकड़े जारी किए हैं. इनमें जीडीपी ग्रोथ का अनुमान, कोर इंडस्ट्री, फॉरेक्स रिजर्व और अन्य आंकड़े शामिल हैं.
क्या है देश की जीडीपी का हाल?
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने शुक्रवार को जीडीपी के आंकड़े जारी किए. वित्त वर्ष 2023-24 की जनवरी-मार्च तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ 7.8 प्रतिशत रही है. वहीं पूर्ण वित्त वर्ष में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 8.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.
इससे पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.2 प्रतिशत थी. जबकि पूण वित्त वर्ष 2022-23 में देश की जीडीपी ग्रोथ की रफ्तार महज 7 प्रतिशत थी.
क्या रहा है उद्योगों का हाल-चाल?
जीडीपी के साथ ही देश की 8 कोर इंडस्ट्री के आंकड़े भी शुक्रवार को सरकार ने जारी कर दिए. अप्रैल 2024 के दौरान देश के 8 कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट 6.2 प्रतिशत रही है. सालभर पहले की तुलना में ये बेहद बेहतर स्थिति है, क्योंकि अप्रैल 2023 में देश के कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट 4.6 प्रतिशत थी. देश के 8 कोर इंडस्ट्री में नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट, फर्टिलाइजर्स, स्टील, कच्चा तेल, कोयला, सीमेंट और बिजली सेक्टर आते हैं. देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में इन 8 कोर सेक्टर में इनकी कुल हिस्सेदारी 40.27 प्रतिशत है.
सरकार का खजाना भी हुआ मालामाल?
शुक्रवार को सरकार के खजाने का आंकड़ा भी सामने आया. सरकार के खजाने में टैक्स से कितना पैसा आय, कितना सरकार ने खर्च किया, इसकी पूरी डिटेल सामने आ गई. इसके आधार पर पता चला कि 2023-24 में सरकार का राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.63 प्रतिशत रहा है. ये सरकार के केंद्रीय बजट में जताए गए 5.8 प्रतिशत के अनुमान से कुछ कम है.
अगर इन आंकड़ों को रीयल टाइम में देखें तो देश का राजकोषीय घाटा यानी व्यय और राजस्व के बीच अंतर 16.53 लाख करोड़ रुपए रहा है. जबकि 1 फरवरी को पेश बजट में सरकार ने इसके 17.34 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान जताया था. इसका मतलब ये हुआ कि सरकार का टैक्स कलेक्शन और फिजूल खर्ची पर नियंत्रण शानदार रहा है. सरकार ने 2023-24 में कुल 23.36 लाख करोड़ रुपए टैक्स कलेक्शन किया, जबकि उसका खर्च 44.42 लाख करोड़ रुपए रहा है.
646.67 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार
भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को देश के विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) के आंकड़े भी जारी कर दिए. 24 मई को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 646.67 अरब डॉलर का रहा है. इसमें डॉलर समेत अन्य विदेशी मुद्रा जैसे कि यूरो, पाउंड और येन इत्यादि सभी का डॉलर में मूल्य 567.49 अरब डॉलर रहा है. वहीं रिजर्व बैंक का गोल्ड रिजर्व भी 56.71 अरब डॉलर का हो गया है. ये भी देश के फॉरेक्स रिजर्व का ही हिस्सा है.

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