इलेक्ट्रोशॉक से प्रताड़ित-800 दिन झेला दर्द… रूस-यूक्रेन युद्ध के बंधकों की दर्दभरी कहानी

रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 में युद्ध शुरू हुआ, जिसके बाद लगातार संघर्ष के चलते दोनों देशों ने लंबे समय तक एक-दूसरे के नागरिकों को बंधक बना कर रखा. हजारों लोगों की इस युद्ध के दौरान हत्या हुई और कई घायल हो गए. यूक्रेन और रूस ने शुक्रवार को एक दूसरे के युद्ध के बंधको को छोड़ा. तीन महीने के बाद बंधको की यह अदला-बदली हुई. रूस और यूक्रेन दोनों ने ही 75 बंधको को रिहा किया. साथ ही बंधको की रिहाई के कुछ घंटे पहले उसी जगह पर दोनों देशों ने अपने शहीद सैनिकों के शव भी सौंपे.
इन बंधको ने कई दिन बंद कमरों में गुजारे जिसके बाद दोबारा दिन का उजाला देखना उनके लिए समान्य सी बात नहीं रही. इन सभी बंधकों को चार नागरिकों के साथ बस में बिठाकर उत्तरी सुमी क्षेत्र में भेजा गया. जैसे ही बंधक बस से उतरे, वो खुशी से चिल्लाए और अपने परिवारों को फोन करके बताया कि वो घर वापस आ गए हैं. कुछ लोगों ने घुटनों के बल बैठकर अपने देश की जमीन को चूमा, जबकि कई बंधक इस मौके पर खुश के साथ भावुक हो गए. उन्होंने खुद को देश के झंडे में लपेटा और एक-दूसरे को गले लगाकर रोने लगे.
बंधको का 52 वां एक्सेंचज
कुल मिलाकर इस साल 150 बंधकों का आदान-प्रदान अब तक हुआ है. ये इस साल का चौथा और फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से 52वां आदान-प्रदान था. रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद यूक्रेन ने रूस से सभी बंधको को रिहा करने की अपील की है. साथ ही यूक्रेन में लगातार सभी बंधको को रिहा करने के लिए हर हफ्ते रैलियां की जाती है.
800 दिन का दर्द
मुख्यालय में आदान-प्रदान के लिए बातचीत करने वाले एक यूक्रेनी अधिकारी विटाली मतवियेंको ने कहा कि यूक्रेन बंधकों को रिहा करने और अपने नागरिकों को वापस लेने के लिए हमेशा तैयार है. शुक्रवार को जो बंधक यूक्रेन वापस लौटे उस में एक आईटी कार्यकर्ता रोमन ओनिसचुक भी शामिल थे, जो रूस के हमले की शुरुआत में एक स्वयंसेवक के रूप में यूक्रेनी सेना में शामिल हुए थे, उन्हें मार्च 2022 में खार्किव क्षेत्र में पकड़ लिया गया था.
रोमन ओनिसचुक 2022 से अब तक बंधक बने रहने के बाद बाहर आकर अपनी दर्द भरी कहानी सुनाते हुए कहा कि मैं बस अपनी पत्नी की आवाज, अपने बेटे की आवाज सुनना चाहता हूं. मैंने बेटे और पत्नी के तीन जन्मदिन मिस किए. उन्होंने कहा, कैद में बिताए 800 से ज्यादा दिनों में उन्होंने कभी भी अपने परिवार से बात नहीं की और उन्हें नहीं पता कि वे अब किस शहर में हैं.
कुल कितने बंधक
बंधको के इलाज के लिए यूक्रेन के बातचीत मुख्यालय के अनुसार, शुक्रवार के आदान-प्रदान के सहित, यूक्रेन को युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेनी सेना के कुल 3210 सदस्य और नागरिक वापस मिल गए हैं. हालांकि न तो यूक्रेन और न ही रूस इस बात का खुलासा करता है कि दोनों देशों के पास एक दूसरे के कुल कितने बंधक हैं.
इलेक्ट्रोशॉक से प्रताड़ित किया गया
आजाद हुए लोगों में दिमित्रो कांतिपेंको भी शामिल थे जिन्हें काला सागर में स्नेक द्वीप पर पकड़ लिया गया था. उन्होंने अपनी दर्दभरी कहानी सुनाते हुए कहा कि उन्होंने बाहर निकलते ही सबसे पहले अपनी मां की आवाज सुनने के लिए उनसे फोन पर बात की और उन्हें बताया कि वो यूक्रेन वापस आ गए हैं. उन्होंने अपने आंसू पोंछते हुए मां से कहा कि मैं जल्द ही घर आऊंगा. रूसियों ने उन्हें आधी रात में बिना कोई कारण बताए जगाया और उनके जाने से पहले उन्हें अपने कपड़े बदलने के लिए थोड़ा समय दिया. कांतिपेंको ने कहा कि एक्सचेंज से कुछ समय पहले उन्हें इलेक्ट्रोशॉक से प्रताड़ित किया गया था.
बंधको के साथ दुर्व्यवहार
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टों के अनुसार, ज्यादा तर यूक्रेनी बंधक उस दर्द का सामना करते हैं जिसको कोई सोच भी नहीं सकता. हिरासत में रहते हुए उन का बहुत मामूली सा इलाज किया जाता है. उन के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है और वो कई तरह की यातना का सामना करते हैं. हालांकि न सिर्फ यूक्रेनी बंधक बल्कि रूसी सैनिकों के साथ भी दुर्व्यवहार की अलग-अलग रिपोर्टें भी सामने आई हैं.
5 महिलाएं भी वापस लौटी
यूक्रेन के समन्वय मुख्यालय के अनुसार, घर लौटने वाले कम से कम एक-तिहाई यूक्रेनियन बंधको के शरीर पर चोट थी और कई को गंभीर बीमारियां थी. शुक्रवार को लौटे लोगों में स्नेक द्वीप से 19 यूक्रेनी लड़ाके, चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में पकड़े गए 14 लोग और रूस द्वारा पकड़े गए मारियुपोल शहर के 10 लड़ाके शामिल थे. वापस लौटे यूक्रेनियनों में पांच महिलाएं भी शामिल थीं.
शवों को भी किया वापस
इससे पहले दिन में और उसी स्थान पर, यूक्रेन और रूस ने भी अपने शहीद सैनिकों के शवों की अदला-बदली की – यूक्रेन ने 212 शव और रूस ने 45 शव लौटाए. यूक्रेन के लापता व्यक्तियों के कार्यालय के अनुसार, युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन को लगभग 3,000 शव वापस मिले, जिनमें ज्यादातर सैनिक थे. उनमें से लगभग 1,300 की पहचान की जा चुकी है.

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