Exit Poll के बीच आई बड़ी खबर, 10% बढ़ गया सरकार का GST कलेक्शन
लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान खत्म हो चुका है. अब सबकी निगाहें 4 जून के परिणाम पर टिकी हैं. इसी बीच शनिवार को एग्जिट पोल के संकेत भी सामने आ गए हैं. लेकिन इससे भी बड़ी खबर ये है कि सरकार का जीएसटी कलेक्शन रिकॉर्ड 10 प्रतिशत बढ़ गया है.
मई 2024 में सरकार का जीएसटी कलेक्शन 1.73 लाख करोड़ रुपए रहा है. ये पिछले साल मई के महीने में हुए जीएसटी कलेक्शन के मुकाबले रिकॉर्ड 10 प्रतिशत की ग्रोथ को दिखाता है. पिछले साल मई में ये आंकड़ा 1.57 लाख करोड़ रुपए था. राज्यों के जीएसटी कलेक्शन में किसने बाजी मारी…?
कहां से आया कितना पैसा?
जीएसटी के कुल कलेक्शन में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और आयात-निर्यात पर लगने वाले कर का हिस्सा होता है. वहीं सेस से भी सरकार जीएसटी के तहत पैसा कलेक्ट करती है. ऐसे में मई 2024 के दौरान केंद्रीय जीएसटी के रूप में सरकार को 32,409 करोड़ रुपए का राजस्व मिला.
वहीं राज्य सरकारों का जीएसटी कलेक्शन 40,265 करोड़ रुपए रहा. इतना ही नहीं इंटीग्रेटेड जीएसटी से सरकार ने 87,781 करोड़ रुपए जुटाए, इसमें 39,879 करोड़ रुपए आयात शुल्क से आए हैं. जबकि सेस से सरकार ने 12,284 करोड़ रुपए हासिल किए हैं, इसमें 1,076 करोड़ रुपए इंपोर्टेड आइटम्स पर लगाए गए सेस से मिले हैं.
अब तक हुई इतनी टैक्स वसूली
अगर चालू वित्त वर्ष 2024-25 के आंकड़ों को देखें तो अप्रैल और मई में मिलाकर सरकार का कुल जीएसटी कलेक्शन 3.83 लाख करोड़ रुपए रहा है. इसमें केंद्रीय जीएसटी से 76,255 करोड़ रुपए, स्टेट जीएसटी से 93,804 करोड़ रुपए और इंटीग्रेटेड जीएसटी से 1,87,404 करोड़ रुपए सरकार की झोली में आए हैं. वहीं सेस से सरकार ने 25,544 करोड़ रुपए जुटाए हैं.
राज्यों में किसने मारी बाजी?
अगर राज्यों के जीएसटी कलेक्शन में ग्रोथ को देखें तो सबसे ज्यादा ग्रोथ 48 प्रतिशत मणिपुर के टैक्स कलेक्शन में दर्ज की गई है. इसके बाद दूसरे नंबर दिल्ली का जीएसटी कलेक्शन है जो पिछले साल के मुकाबले 46 प्रतिशत अधिक रहा है. वहीं सबसे ज्यादा गिरावट 41 प्रतिशत लद्दाख के जीएसटी कलेक्शन में दर्ज की गई है. दूसरे स्थान पर लक्षद्वीप रहा है, जहां जीएसटी कलेक्शन में 39 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.
वहीं अगर जीएसटी कलेक्शन की वैल्यू के हिसाब से देखें तो देश में सबसे ज्यादा 26,854 करोड़ रुपए का जीएसटी कलेक्शन महाराष्ट्र में हुआ है. इसके बाद दूसरे स्थान पर कर्नाटक (11,889 करोड़ रुपए) और तीसरे स्थान पर गुजरात (11,325 करोड़ रुपए) रहा है.