क्या फास्ट फूड खाने से इम्यूनिटी होती है कमजोर? किनको खतरा, एक्सपर्ट्स से जानें

फास्ट फूड लोगों के जीवन का हिस्सा बन गया है. बच्चे हो या बुजुर्ग सभी इसको खाना पसंद करते हैं. फास्ट फूड जैसे बर्गर, चाऊमीन को खाने से सेहत पर गंभीर असर होता है, लेकिन फिर भी लोग इनको खाना नहीं छोड़ते है. चिंता की बात यह है कि यह खाना आपकी इम्यूनिटी पर भी असर करता है. इससे डायबिटीज, मोटापा और हाई बीपी जैसी बीमारियों का खतरा भी रहता है.
डॉक्टरों का कहना है कि फास्ट फूड में सोडियम और शुगर की मात्रा सामान्य भोजन की तुलना में ज्यादा होती है. जबकि मिनरल, प्रोटीन और फाइबर कम होता है. लगातार ऐसा भोजन करने से शरीर के इम्यून सिस्टम पर भी असर पड़ता है. ऐसा इसलिए क्योंकि फास्ट फूड में सोडियम होता है और शुगर का लेवल भी हाई होता है. जो शरीर में सूजन यानी इंफ्लामेशन करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी असर करता है.
फास्ट फूड में होते हैं केमिकल
दिल्ली में वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अजय कुमार बताते हैं कि फास्ट फूड में कई तरह के केमिकल का यूज किया जाता है. जो शरीर में गुड बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करते हैं. यह गट माइक्रोबायोम के फंक्शन पर भी असर डालते हैं. जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है. जब इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है, तो इससे शरीर में कई बीमारियां पनपने का खतरा रहता है.
फास्ट फूड का अधिक सेवन कैंसर के रिस्क को भी बढ़ाता है. इससे आंतों के कैंसर का खतरा रहता है. मेडिकल जर्नल द लैंसेट की साल 2018 की स्टडी बताती है कि जो लोग कई दशकों से फास्ट फूड खा रहे थे, उनमें आंतों के कैंसर का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में अधिक था. चिंता की बात यह है कि भारत में भी फास्ट फूड का चलन काफी बढ़ रहा है. खासतौर पर बच्चों में ये ज्यादा देखा जा रहा है. कई लोगों की डाइट का यहअहम हिस्सा बन गया है.
कितना खाएं फास्ट फूड
दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर हॉस्पिटल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में एचओडी डॉ विनीत तलवार बताते हैं कि फास्ट फूड सेहत के लिए अच्छा नहीं है, लेकिन कम मात्रा में इसको खाते हैं तो ज्यादा नुकसान नहीं होगा. मतलब आप महीने में एक या दो बार खा सकते हैं. इस स्थिति में ये नुकसान नहीं करेगा, लेकिन अगर इससे ज्यादा खाते हैं तो सेहत पर खराब प्रभाव पड़ता है.

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