NEET UG: नीट यूजी ग्रेस मार्क्स की जांच के लिए बनी कमेटी, 1500 अभ्यर्थियों के अंकों की होगी समीक्षा
मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी(NEET UG) के रिजल्ट को लेकर बवाल मचा हुआ है. परीक्षा में अंक बढ़ाए जाने के आरोपों के बीच राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने शनिवार को कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1,500 से अधिक अभ्यर्थियों के परिणामों की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय एक समिति गठित की है. यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय समिति एक अंदर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी. जिसके बाद इन उम्मीदवारों के परिणामों में संशोधन किया जा सकता है.
इस दौरान एनटीए ने किसी भी अनियमितता का खंडन करते हुए कहा है कि एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तकों में बदलाव और परीक्षा केंद्र में समय जाया होने के लिए दिए गए ग्रेस मार्क्स विद्यार्थियों के अधिक अंक आने की वजह हैं. एनटीए ने सभी आरोपों को खारिज कर कहा कि परीक्षा में कोई धांधली नहीं हुई है. तय मानक के तहत ही एग्जाम हुआ है.
‘परिणामों की समीक्षा से प्रवेश प्रक्रिया पर असर नहीं पड़ेगा’
एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कहा कि ग्रेस मार्क्स दिए जाने से परीक्षा के योग्यता मानदंड पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और प्रभावित अभ्यर्थियों के परिणामों की समीक्षा से प्रवेश प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा. वहीं कुछ छात्रों के लिए परीक्षा दोबारा आयोजित करने के सवाल पर एनटीए महानिदेशक ने कहा कि इसका निर्णय समिति की सिफारिशों के आधार पर किया जाएगा.
नीट रिजल्ट में धांधली का आरोप ,दोबारा परीक्षा कराने की मांग
इस साल एनईईटी-यूजी परिणामों पर हंगामे के बीच यह घोषणा की गई है. महाराष्ट्र जैसे राज्य दोबारा परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं. वहीं इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है. कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे पर नाराजगी जाहिर कर रही है और जांच की मांग कर रही हैं. आम आदमी पार्टी ने कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पेपर लीक, धांधली और भ्रष्टाचार कई परीक्षाओं का अभिन्न अंग बन गए हैं. महाराष्ट्र सरकार ने परीक्षा को रद्द करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि नतीजों में राज्य के छात्रों के साथ अन्याय हुआ है. इस के साथ ही महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने का कहना है कि शायद नीट की परीक्षा पैसे लेकर आयोजित की गई.
मेडिकल प्रवेश परीक्षा का परिणाम 4 जून को घोषित
मेडिकल प्रवेश परीक्षा का परिणाम 4 जून को घोषित किया गया था. घोषित परिणामों ने असाधारण रूप से बड़ी संख्या में उन उम्मीदवारों का तत्काल ध्यान आकर्षित किया, जिन्होंने 720/720 का सही स्कोर प्राप्त किया और इस तथ्य के लिए कि कुछ उम्मीदवारों को 718 या 719 अंक मिले. जिनके बारे में दूसरों का दावा था कि इस योजना में इसे प्राप्त करना असंभव था. वहीं कुछ उम्मीदवार पेपर लीक के भी आरोप लगे हैं, हालांकि एनटीए ने इससे इनकार किया है.
एनटीए ने कहा फैसले का अन्य नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. काउंसलिंग प्रक्रिया (एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिए) शुरू होने वाली है, लेकिन इससे प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी. यह विशेष समिति अगले शनिवार से पहले अपना फैसला देगी और उसके अनुसार अगला कदम उठाया जाएगा. लेकिन एनटीए यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रहा है कि प्रवेश प्रक्रिया में कोई बाधा न आए.
67 अभ्यर्थियों ने पहला स्थान प्राप्त किया, छह हरियाणा के एक ही केंद्र से
आरोप लगाया जा रहा है कि छह परीक्षा केंद्रों पर वक्त जाया होने की भरपाई के लिए दिए गए ग्रेस मार्क्स के कारण अन्य अभ्यर्थियों के अवसर प्रभावित हुए हैं. ये केंद्र मेघालय, चंडीगढ़, हरियाणा के बहादुरगढ़, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और बालोद, गुजरात के सूरत में थे. परीक्षा परिणाम में 67 अभ्यर्थियों ने पहला स्थान प्राप्त किया है, जिनमें से छह हरियाणा के एक ही केंद्र से हैं.
अब तक, कुल 1,563 छात्रों (जिनमें से छह को शीर्ष रैंक में स्थान मिला) को सामान्यीकरण फॉर्मूले के आधार पर अनुग्रह अंक दिए गए थे, जिसे एनटीए ने साझा नहीं किया है. ये उम्मीदवार छह केंद्रों से थे – छत्तीसगढ़ में दो (बालोद और दंतेवाड़ा में एक-एक), मेघालय, सूरत, हरियाणा के बहादुरगढ़ और चंडीगढ़ में एक-एक.
छात्रों ने कई उच्च न्यायालयों में याचिका दायर की
इस बीच छात्रों ने कई उच्च न्यायालयों में याचिका दायर की है. दिल्ली उच्च न्यायालय में एक एनईईटी यूजी उम्मीदवार द्वारा दायर की गई इन रिट याचिकाओं में से एक को 7 जून को अवकाश पीठ द्वारा नोटिस जारी करने के बाद 12 जून को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है. इस याचिकाकर्ता ने प्रश्न संख्या 29 की अंतिम आंसर शीट को चुनौती दी है.
कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष दायर एक अन्य जनहित याचिका में NEET UG 2024 में कुछ उम्मीदवारों को 718 या 719 अंक दिए जाने को चुनौती दी गई थी. 6 जून को इस मामले की सुनवाई करते हुए, उच्च न्यायालय ने NTA को 10 के भीतर एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था. यह खुलासा करते हुए की मेरिट सूची तैयार करने में राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार की आरक्षण नीति का पालन कैसे किया गया है. मामले को दो सप्ताह बाद नियमित पीठ के समक्ष अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
इसके अलावा एक अन्य NEET UG उम्मीदवार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक रिट याचिका दायर की गई. कोर्ट ने 17 मई को मामले की सुनवाई करते हुए प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को तय की.
एनटीए ने निर्धारित तिथि से 10 दिन पहले 4 जून को एनईईटी यूजी 2024 का परिणाम घोषित किया और रिकॉर्ड 67 छात्रों ने एनईईटी अखिल भारतीय रैंक (एआईआर) 1 हासिल की. इन 67 में से 17 उम्मीदवारों को मेरिट से बाहर रैंक मिली, 44 छात्रों को फिजिक्स सेक्शन में गलत उत्तर के कारण रैंक मिली और छह छात्रों को परीक्षा का समय बर्बाद होने के कारण दिए गए ग्रेस मार्क्स के कारण रैंक मिली.