पाकिस्तान की राजनीति में इमरान खान को क्यों बड़ी बाधा मानते हैं नवाज शरीफ?

पाकिस्तान इस वक्त राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. हाल ही में बनी नई शहबाज सरकार देश में स्थिरता लाने में नाकाम साबित होती दिख रही है. देश में शांति के लिए नवाज सरकार इमरान खान की पार्टी PTI से बातचीत करने पर कई बार चर्चा कर चुकी है. अब इसी को लेकर पार्टी प्रमुख नवाज शरीफ ने बड़ा बयान दिया है.
नवाज शरीफ का कहना है कि PML-N (Pakistan Muslim League- Nawaz) और PTI (Pakistan Tehreek-e-Insaf) के बीच शांति वार्ता में इमरान खान एक बड़ी बाधा हैं. नवाज शरीफ ने शुक्रवार शाम को पार्टी के सीनेटरों के साथ बैठक के दौरान ये बात कही है. इस बैठक में PTI के साथ बातचीत के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई है.
‘इमरान खान नहीं चाहते दोस्ती’
सूत्रों ने खुलासा किया कि सांसदों ने नवाज शरीफ से PTI के साथ बातचीत पर पार्टी की नीति के बारे में सवाल पूछे थे. जवाब देते हुए नवाज़ शरीफ़ ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इमरान खान खुद बातचीत के लिए सीरियस नहीं दिख रहे हैं और ये सार्थक बातचीत के लिए एक बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि जब एक पक्ष बातचीत के लिए प्रतिबद्ध नहीं है, तो वह बातचीत कैसे कर सकते हैं?
हमारी ईमानदारी को हमारी कमजोरी माना जाता है: शरीफ
नवाज़ शरीफ़ ने अतीत की घटनाओं का हवाला दिया, जब इमरान ख़ान ने उनके दोस्ती प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया था, जो कि दोस्ती की बातचीत में शामिल होने की अनिच्छा का एक पैटर्न दर्शाता है. नवाज शरीफ ने PTI की ओर से बातचीत के लिए दिखाई जा रही सुस्ती पर निराशा व्यक्त की है. उन्होंने आगे कहा कि PML-N की ईमानदारी को कमजोरी के रूप में गलत समझा गया है. पूर्व प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि मैं खुद बानी गाला गया था, हमारी ईमानदारी को हमारी कमजोरी माना जाता है.
बेनज़ीर भुट्टो को किया याद
राजनीतिक मतभेदों के बावजूद बातचीत के महत्व को बताते हुए नवाज ने बेनज़ीर भुट्टो के साथ अपनी बैठक का उदाहरण दिया. उन्होंने याद करते हुए कहा, ‘बेनज़ीर भुट्टो एक महान नेता थीं, जिन्होंने दोनों के बीच कड़े विरोध के बावजूद लोकतंत्र के चार्टर पर साइन किए थे.’

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