IND vs SA: संजय मांजरेकर ने कहा- भारत को खली मोहम्मद शमी की कमी, आकाश चोपड़ा ने शुभमन को लेकर दिया बड़ा बयान
गिल का एशिया में टेस्ट मैचों में औसत 39.25 है। सेना देशों में यह गिरकर 25.43 हो जाता है। अपने तीन साल के टेस्ट करियर में गिल ने एशिया के बाहर सात टेस्ट खेले हैं और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 91 के उच्चतम स्कोर के साथ 375 रन ही बनाने में सफल रहे।
भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में पारी और 32 रन से हार का सामना करना पड़ा। टीम इंडिया की हार के बाद पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर को तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की याद आई। वहीं, पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा ने शुभमन गिल को लेकर अपनी राय रखी। आकाश ने कहा कि अगर गिल को प्रिंस से किंग बनना है तो सेना देशों में रन बनाने होंगे।
क्रिकेट में दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया को जोड़कर सेना देश कहा जाता है। शुभमन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में फेल रहे। उन्होंने पहली पारी में दो और दूसरी पारी में 26 रन बनाए। गिल का एशिया में टेस्ट मैचों में औसत 39.25 है। सेना देशों में यह गिरकर 25.43 हो जाता है। अपने तीन साल के टेस्ट करियर में गिल ने एशिया के बाहर सात टेस्ट खेले हैं और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 91 के उच्चतम स्कोर के साथ 375 रन ही बनाने में सफल रहे।
आकाश चोपड़ा ने क्या कहा?
आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए गए वीडियो में कहा, ”शुभमन गिल को भारतीय क्रिकेट का प्रिंस कहा जाता है। प्रिंस से किंग बनने के लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी होगी और सेना देशों में अपने रिकॉर्ड में सुधार करना होगा। एशिया और सेना देशों में उनके रिकॉर्ड में काफी अंतर है। उनका करियर अभी बहुत छोटा है, लेकिन किंग बनने के लिए आपको सेना देशों में जीतना होता है।”
शमी का दक्षिण अफ्रीका में रिकॉर्ड शानदार
शमी की बात करें तो दक्षिण अफ्रीका में उनका रिकॉर्ड शानदार है। उन्होंने आठ मैचों में 3.12 की इकोनॉमी रेट से 35 विकेट लिए हैं। उन्होंने दो बार पांच विकेट लिए हैं। दो साल पहले जब भारत ने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया था तब शमी टीम के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे।
मांजरेकर ने कहा, ”भारत को मोहम्मद शमी की कमी खली। आप वहां पिच से अधिकतम लाभ लेना चाहते हैं। हवा में मूवमेंट की तलाश नहीं करते हैं। शमी सबसे अच्छा क्या करते हैं? उन्हें भारतीय पिचों पर मूवमेंट मिलता है, जहां शायद ही किसी को मिलता है।” मांजरेकर ने कहा कि अगर भारतीय गेंदबाजों को मौजूदा सीरीज में बराबरी हासिल करनी है तो उन्हें अपनी योजनाओं में बदलाव करना होगा। उन्होंने कहा, “स्कोरबोर्ड पर कुछ और रन बनाने के अलावा मुख्य बात यह है कि आपको अलग तरह से गेंदबाजी करनी होगी।”