Explainer: ऐसे बदल रहा भारत का AC मार्केट, इस गर्मी में बिक सकते हैं 1.40 करोड़ एसी

इस साल गर्मी ने अच्छे-अच्छों के पसीने छुड़ा दिए हैं. कभी जैसलमेर जैसे रेगिस्तानी इलाके में 50 डिग्री सेल्सियस तापमान जाता था, वो अब दिल्ली जैसे शहरी इलाके में पहुंच रहा है. ऐसे में गर्मी से राहत का एक ही सहारा एयर कंडीशनर है. गर्मी के प्रकोप का असर इस साल एसी की सेल पर भी दिख रहा है और ये पूरा मार्केट बहुत तेजी से बदल रहा है. चलिए समझते हैं इसकी पूरी कहानी…
गर्मी के हालात ये हैं कि देश के कई शहरों में इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान पर एसी का स्टॉक खत्म हो गया. वहीं अब एसी मैन्यूफैक्चरर्स और इंडस्ट्री का डेटा भी सामने आया है, जिसके बारे में जानकर आपके होश उड़ जाएंगे.
बिक सकते हैं 1.4 करोड़ एसी
देश में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और होम अप्लायंसेस बनाने वाली कंपनियों के संगठन ‘सीमा’ (CEAMA) के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस साल प्रचंड गर्मी के चलते देश में 1.4 करोड़ एसी बिक सकते हैं. मई के महीने में ही एयर कंडीशनर की सेल में सालाना आधार पर 30 से 40 प्रतिशत तक की ग्रोथ दर्ज की गई है. वहीं अप्रैल से मई के बीच एसी की सेल में ग्रोथ 100 प्रतिशत से भी ज्यादा है.
मानसून के आने पर डिपेंड करेगी सेल
अब जब मानसून के आने का अनुमान आया है, तो उससे भी एसी की बिक्री बढ़ने की संभावना नजर आ रही है. आम तौर पर उत्तर भारत में 15 जून तक मानसून पहुंच जाता है, लेकिन इस साल मानसून पहुंचने में देरी हो सकती है. ये जून के अंत तक खिंच सकता है. ऐसे में गर्मी से जल्दी राहत मिलने की संभावना कम ही है. इसलिए भी लोग अब एसी को तरजीह दे सकते हैं.
देश में ऐसे बदला एसी का मार्केट
देश में एसी की डिमांड और लोगों के बीच इसे पॉपुलर बनाने में सरकार के एनर्जी एफिशिएंट या कहें स्टार रेटिंग मॉडल की अहम भूमिका रही है. आम लोगों के बीच धारणा है कि एसी बिजली का बिल बहुत खाता है. ऐसे में एसी स्टार रेटिंग से लोगों को ये अंदाजा लगने लगा कि एक निश्चित इस्तेमाल से उनका बिजली का बिल कितना आएगा. जब लोगों को ये अहसास हुआ कि वह इसे अफॉर्ड कर सकते हैं, तो उन्होंने एसी की खरीद करना शुरू कर दिया.
ऐसे बढ़ता गया देश AC का बाजार
अब अगर हम एसी के बाजार की बात करें, तो पहले आम तौर पर कमर्शियल स्पेस जैसे कि ऑफिस, मॉल के लिए एसी की खरीद ज्यादा होती थी. अब घरेलू एसी की बिक्री बढ़ी है. सीमा के मुताबिक इस साल जो 1.4 करोड़ एसी बिकने की उम्मीद है, उनमें से करीब 1 करोड़ ऐसी सिर्फ रेजिडेंशियल यूज के लिए रहने वाले से हैं.

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