RBI MPC: अभी महंगाई से जारी रहेगी लड़ाई, आम लोगों की नहीं बढ़ेगी EMI

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने लगातार 8वीं बार ब्याज दरें नहीं बढ़ाने का फैसला किया है. रिजर्व बैंक का फोकस अभी महंगाई को कंट्रोल करने पर है. आरबीआई के इस फैसले से आम लोगों के लोन की EMI नहीं बढ़ेगी. शुक्रवार 7 जून को नई मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान किया गया है. दास की ओर से रेपो रेट को लगातार 8वीं बार यथावत 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. इससे पहले पिछली बार फरवरी 2023 में रेपो रेट को 0.25 फीसदी बढ़ाया गया था.
ब्याज दरों की समीक्षा के लिए आरबीआई एमपीसी की बैठक 5 जून से 7 जून के बीच हुई, जिसमें 6 सदस्य की एमपीसी में से 4 सदस्यों ने बहुमत के आधार पर ब्याज दरों में बदलाव ना करने का का फैसला लिया गया है. वैसे यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने गुरुवार को ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की थी. जबकि कनाडा ने भी ब्याज दरों में कटौती थी.

— ReserveBankOfIndia (@RBI) June 7, 2024

कैसे रह सकते हैं महंगाई के आंकड़ें
आरबीआई एमपीसी ने महंगाई के अनुमानित आंकड़ों में भी कोई बदलाव नहीं किया है. वित्त वर्ष 2025 में रिटेल महंगाई 4.5 फीसदी रह सकती है. जबकि पहली तिमाही में महंगाई 4.9 फीसदी का अनुमान लगाया गया है. दूसरी तिमाही में 3.8 फीसदी महंगाई दर रह सकती है. तीसरी तिमाही में महंगाई दर आंकड़ा 4.6 फीसदी रह सकता है. जबकि चौथी तिमाही में महंगाई का आंकड़ा 4.5 फीसदी रह सकता है. आरबीआई गर्वनर के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में फूड इंफ्लेशन पर नजर बनाए रखनी होगी. एसबीआई के अनुसार मई के महीने में महंगाई दर 5 फीसदी रह सकती है.

#WATCH | RBI Governor Shaktikanta Das says “The outlook on crude oil prices remains uncertain due to geopolitical tensions. Assuming a normal monsoon, CPI inflation for 2024-25 is projected at 4.5% with Q1 at 4.9%, Q2 at 3.8%, Q3 at 4.6% and Q4 at 4.5%, the risks are evenly pic.twitter.com/fBAB5nIaTa
— ANI (@ANI) June 7, 2024

ग्रोथ रेट के अनुमान में इजाफा
जीडीपी के मोर्चे पर आरबीआई का सेंटीमेंट पॉजिटिव रहा है. आरबीआई गवर्नर ने जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान में इजाफा किया है. आरबीआई गवर्नर के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में भारत की ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी रह सकती है. इससे पहले आरबीआई गवर्नर ने 7 फीसदी का अनुमान लगाया था. जबकि पहली तिमाही में 7.3 फीसदी ग्रोथ का अनुमान है. दूसरी तिमाही में ये अनुमान 7.2 फीसदी पर था. वही तीसरी तिमाही की बात करें तो यह 7.3 फीसदी रह सकता है.

RBI Governor Shaktikanta Das says “GDP growth that we are now projecting for the current financial year 2024-25 is 7.2% with Q1 at 7.3%, Q2 at 7.2%, Q3 at 7.3%, and Q4 at 7.2%. The risks are evenly balanced.” pic.twitter.com/ANWPhBXbA8
— ANI (@ANI) June 7, 2024

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मई 2022 से फरवरी 2023 तक ब्याज दरों में इजाफा किया था. रेपो रेट में 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई. जिसके बाद पॉलेसी रेट 6.50 फीसदी पर आ गए. उसके बाद से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. इसका मतलब है कि बीती 8 मीटिंग में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड के हेड – फिक्स्ड इनकम, पुनीत पाल का कहना है कि आज की एमपीसी की बैठक पॉलिसी रेट और मौद्रिक रुख दोनों के साथ अनुमान के मुताबिक रही है. हालांकि यह पॉलिसी मौद्रिक सहजता के करीब एक कदम है. एमपीसी के दो सदस्यों ने पॉलिसी रेट में कटौती के लिए मतदान किया. आरबीआई ने FY25 के लिए अपने महंगाई के अनुमान को 4.50 फीसदी पर बनाए रखा लेकिन FY25 के लिए अपने GDP ग्रोथ अनुमान को पहले के 7 फीसदी से बढ़ाकर 7.20 फीसदी कर दिया.
बड़ौदा बीएनपी परिबा म्यूचुअल फंड के सीआईओ (फिक्स्ड इनकम) प्रशांत पिंपले का कहना है कि सिस्टम लिक्विडिटी के मोर्चे पर, आरबीआई ने दोहराया है कि वेटेड एवरेज काल रेट कॉरिडोर के मध्य यानी 6.57 फीसदी के करीब बनी हुई है। RBI रेपो रेट 6.50 फीसदी को वर्तमान में ऑपरेटिव ओवरनाइट रेट के रूप में बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जो शॉर्ट एंड कर्व को और भी कम करने में मदद कर सकता है। हमें उम्मीद है कि ओवरनाइट रेट, रेपो और एमएसएफ के बीच रहने के मुकाबले रेपो दर के करीब होगी, जैसा कि पिछले 2 महीनों में था.
वित्त वर्ष 2025 के लिए 7.20 फीसदी की अनुमानित ग्रोथ और इसी अवधि के लिए महंगाई 4.50 फीसदी के अनुमान के साथ ग्रोथ-इनफ्लेशन बैलेंस अनुकूल रूप से आगे बढ़ रहा है, हमारा मानना है कि टेलविंड में हायर जीडीपी ग्रोथ फैक्टर कम ब्याज दरों से आते हैं. बाजार की नजर अब बजट पर रहेगी कि सरकार राजकोषीय मजबूती का रास्ता कैसे तैयार करती है, हम उम्मीद करते हैं कि सरकार द्वारा सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले राजकोषीय घाटे को 5.10 फीसदी बनाए रखने के साथ मैक्रो फंडामेंटल मजबूत रहेंगे.
लगातार दो महीने से महंगाई हुई कम
भले ही बीते दो महीने में महंगाई के आंकड़ें 5 फीसदी से नीचे देखने को मिले थे. जबकि अप्रैल के महीने में महंगाई के आंकड़े 4.83 फीसदी पर आ गए थे. जबकि उससे पहले मार्च के महीने में महंगाई आंकड़ें 4.85 फीसदी देखने को मिला. इसका मतलब है कि महंगाई में कंट्रोल देखने को मिल रहा है. वही एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मई में 5 फीसदी रहने (आंकड़ा इस महीने के दूसरे सप्ताह जारी होगी) का अनुमान है. आरबीआई का अनुमान है कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की महंगाई दर 4.5 फीसदी रह सकती है.

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