महिलाओं के लिए आ सकती है नई योजना, काम पर लगे सरकारी बैंक
देश के सरकारी बैंकों को इन दिनों एक बड़ा काम मिला हुआ है. उन्हें एक ऐसी स्पेशल स्कीम तैयार करने के लिए कहा गया है जो विशेष तौर पर महिला उद्यमियों या उनके स्टार्टअप्स की पूंजी की जरूरत को पूरा करने के काम आएगी.
सरकार के वित्त मंत्रालय के तहत काम करने वाला वित्तीय सेवा विभाग EASE 7.0 के तहत सरकारी बैंकों के साथ मिलकर इस दिशा में काम कर रहा है. चलिए समझते हैं पूरी बात…
सरकारी बैंक लगे काम पर
वित्तीय सेवा विभाग ने देश के सरकारी बैंकों से कहा है कि वह एक सी अलग या तो रणनीति बताएं या स्कीम बनाएं, जिसकी वजह से महिलाओं को उद्यम या स्टार्टअप खोलने के लिए फंड मिल सके. अभी देश के मौजूदा फाइनेंस स्ट्रक्चर में ऐसा कई बार होता है जब महिलाओं को सही तरह से अपने काम के लिए फंडिंग नहीं मिल पाती.
मिंट की खबर के मुताबिक ये योजना सरकार के ‘एनहांस्ड एक्सेस एंड सर्विस एक्सीलेंस’ (EASE 7.0) सुधार एजेंडा का हिस्सा होगी. इस सुधार एजेंडा के तहत सरकार ने कई लक्ष्य तय किए हैं. इसमें जोखिम का आकलन, एनपीए को मैनेज करना, वित्तीय समावेशन, ग्राहक सेवा और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन शामिल है.
चुनाव में महिलाओं की अहम भूमिका
इस बार के लोकसभा चुनाव में महिला वोटर्स की अहम भूमिका रही है. देश में करीब 31.2 करोड़ महिलाओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. प्रतिशत के आधार पर महिलाओं में वोटिंग बेहतर रही है.
इस बार चुनाव में महिला वोटर्स को रिझाने के लिए दोनों ही प्रमुख गठबंधनों ने बड़े-बड़े वादे भी किए थे. जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखपति दीदी और ड्रोन दीदी जैसी योजनाओं की बात की. वहीं राहुल गांधी ने कांग्रेस के घोषणा पत्र में ‘महालक्ष्मी योजना’ का वादा किया था, जिसमें महिलाओं को साल का एक लाख रुपए तक देने की गारंटी दी गई थी.