प्रेगनेंट होने के बाद इन बातों का रखें ध्यान, नहीं रहेगा मिसकैरेज का खतरा!

गर्भावस्था एक महत्वपूर्ण समय है और इसमें मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा रहना जरूरी है. गर्भावस्था की पहली तिमाही में महिलाओं में मिसकैरेज का खतरा काफी अधिक होता है. हालांकि कुछ बातो को ध्यान में रखकर इस खतरे को कम किया जा सकता है. डॉक्टर बताते हैं कि मिसकैरेज से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि महिलाएं खानपान का ध्यान रखें. इसके लिए अपनी डाइट में फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार का सेवन करना महत्वपूर्ण है. फोलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों का पर्याप्त सेवन बच्चे के विकास में सहायता करता है. इसके अलावा भी कई बातों का ध्यान रखने की जरूरत है.
प्रेगनेंट होने के बाद करीब 3 महीने तक महिलाओं को एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होती है. ऐसा माना जाता है कि गर्म तासीर वाली चीजें जैसे पपीता, नॉनवेज से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. मिसकैरेज से बचाव के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए एक्सपर्ट से जानें….
क्या है मिसकैरेज
डॉक्टर बताते हैं कि चार महीने तक के भ्रूण में मिसकैरेज का रिस्क रहता है. अगर इस समय के दौरान पीरियड की तरह ब्लड आने लगे तो ये मिसकैरेज का संकेत होता है. 80 फीसदी मिसकैरेज 0 से 13 सप्ताह के दौरान ही होते हैं. कुछ मामलों में जेनेटिक कारणों की वजह से भी यह हो जाता है. किसी इंफेक्शन और प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन में गड़बड़ी के कारण भी गर्भपात हो जाता है. ऐसे में कुछ चीजों से परहेज भी जरूरी है. इसके लिए जंक फूड से दूर रहें, ज्यादा मीठा न खाएं और फलों में पपीता व अनानास का सेवन न करें.
हानिकारक पदार्थों से बचें
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल फरीदाबाद में स्त्री रोग विज्ञान विभाग में डायरेक्टर डॉ. नीति कौतिश बताती हैं कि धूम्रपान, शराब पीने और अत्यधिक कैफीन का उपयोग करने से बचें, क्योंकि ये गर्भपात के खतरे को काफी बढ़ा सकते हैं. अगर आपको कई पुरानी बीमारी जैसे डायबिटीज, हाई बीपी और थायराइड की बीमारी है तो उसको कंट्रोल में रखें. नियमित जांच और डॉक्टर के बताए उपचार का पालन करें. इससे गर्भपात से बचा जा सकता है.
सुरक्षित व्यायाम करें
गर्भावस्था के दौरान नियमित, मध्यम व्यायाम फायदेमंद है, लेकिन वर्कआउट हल्का ही करें. गहरी सांस लेने वाले व्यायाम और रोज टहलना फायदेमंद है. वैसे महिलाओं को एक्सपर्ट की सलाह पर ही फिजिकल एक्टिविटी को करना चाहिए.
मानसिक तनाव कम करें
तनाव का हाई लेवल गर्भावस्था पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है. योग, ध्यान या गहरी साँस लेने वाले व्यायाम जैसी तनाव कम करने वाली तकनीकों का अभ्यास करें. परिवार, दोस्तों और पेशेवर परामर्श से सहायता भी फायदेमंद हो सकती है. अगर प्रेगनेंसी के दौरान पेट में ज्यादा दर्द या कोई दूसरी गंभीर परेशानी लग रही है तो डॉक्टर से संपर्क करें. इस मामले में लापरवाही न करें.

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