High Temperature and kidney failure : तेज गर्मी से किडनी हो रही फेल, बढ़ता तापमान कैसे इस अंग को कर रहा खराब?

इस साल देश के कई इलाके भीषण गर्मी की मार झेल रहे हैं. तापमान 45 डिग्री के आसपास बना हुआ है. लू भी चल रही है. भीषण गर्मी और लू के कारण लोगों की सेहत बिगड़ रही है. लू लगने से मौतें हो रही हैं. ब्रेन स्ट्रोक, हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन ( शरीर में पानी की कमी) जैसी बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं. यह बढ़ती गर्मी अब किडनी भी खराब कर रही है. अस्पतालों में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां गर्मी के कारण किडनी फेल हो रही है. कई मामलों में तो मरीज का डायलिसिस भी करना पड़ रहा है. जिन मरीजों को पहले से ही किडनी की बीमारी है उनकी हालत ज्यादा खराब हो रही है. ऐसे में डॉक्टरों ने लोगों को सेहत का ध्यान रखने की सलाह भी दी है.
डॉक्टरों का कहना है कि गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी हो रही है. जो कई बीमारियों का कारण बन रहा है. इससे किडनी भी फेल हो रही है.
अब आपके मन में यह सवाल उठ रहे होंगे कि गर्मी के कारण किडनी कैसे फेल हो रही है और इससे बचाव कैसे कर सकते हैं? इस बारे में जानने के लिए हमने सफदरजंग हॉस्पिटल में नेफ्रोलॉजी विभाग में एचओडी डॉ. हिमांशु वर्मा से बातचीत की है.
गर्मी से किडनी कैसे हो रही फेल
डॉ हिमांशु बताते हैं कि गर्मी के कारण ज्यादा पसीना आता है. इससे डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी हो जाती है. डिहाइड्रेशन के कारण खून भी गाढ़ा होने लगता है. इससे शरीर में ब्लड फ्लो कम हो जाता है. खून का संचार सही तरीके से न होने से किडनी में खून की सप्लाई सही तरीके से नहीं हो पाती है. इससे किडनी के फिल्टर प्रोसेस पर असर पड़ता है. फिल्टर रेट कम होने लगता है और शरीर से गंदगी बाहर नहीं निकाल पाती है. इस दौरान किडनी गंदगी को फिल्टर करने की क्षमता खो देती है.
इसे मेडिकल की भाषा में जिससे एक्यूट रीनल फेलियर कहा जाता है. यह समस्या कुछ ही घंटों के भीतर भी हो सकती है. यही कारण है कि देखा जा रहा है कि कई लोगों को अचानक एक्यूट रीनल फेलियर का सामना करना पड़ रहा है.
क्या ये खतरनाक हो सकता है?
डॉ हिमांशु बताते हैं कि एक्यूट रीनल फेलियर के अधिकतर मामलों में मरीज महीनेभर के भीतर रिकवर हो जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे केस भी सामने आते हैं जहां किडनी रिकवर नहीं हो पाती है. ऐसे में मरीजों का डायलिसिस भी करना पड़ता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब किडनी गंदगी क फिल्टर नहीं करती है तो शरीर में क्रिएटिनिन, पोटेशियम की मात्रा बढ़ने लगती है. इन जहरीले पदार्थों को बाहर करने के लिए डायलिसिस का सहारा लिया जाता है.
क्या हैं लक्षण
हाई बीपी
यूरिन कम आना
हाथ पैर या अन्य अंगों में सूजन
कैसे करें बचाव
डॉ हिमांशु बताते हैं कि जिस हिसाब से गर्मी पड़ रही है उसको देखते हुए शरीर में पानी की जरूरत भी बढ़ गई है. आमतौर पर लोगों को दिन मे दो से तीन लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है, लेकिन इस समय 5 से 6 लीटर लिक्विड दिन में पीना चाहिए. खासतौर पर जो लोग फील्ड वर्क करते हैं उनको तो हर घंटे में पानी पीना चाहिए. इसके लिए अपने पास एक स्टील की बोतल रखें. जिससे पानी पीते रहें. पानी के अलावा नीबू और नमक का पानी पी सकते हैं. जिन लोगों को बीपी की समस्या है. वह नमक न ले.

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