टैक्स में कटौती, रोजगार और रिफॉर्म पर रहेगा फोकस, ऐसा होगा इस बार सरकार का बजट
नई सरकार का गठन हो चुका है, NDA के गठबंधन से एक बार फिर नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं. पिछली सरकार ने 1 फरवरी को देश का अंतरिम बजट पेश किया था, अब जब नई सरकार बन चुकी है तो जल्द ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्ण बजट भी पेश करेंगी. इस बजट से आम जनता से लेकर टैक्सपेयर्स और नौकरीपेशा लोगो को कई उम्मीदें हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि मोदी 3.0 में इस बार का पूर्ण बजट कैसा रहने वाला है.
अगले महीने पेश होने वाले बजट को लेकर सलाह मशविरा का दौर शुरू हो गया है. लेकिन अब तक जो संकेत मिल रहे हैं उसके मुताबिक इस बार के बजट में बीजेपी मेनिफेस्टो और चुनावी नतीजे की छाप दिख सकती है. इन सबमें भी सबसे ज्यादा फोकस रोजगार देने, रिफॉर्म, टैक्सपेयर्स और मिडल क्लास पर हो सकता है.
ऐसा हो सकता है बजट
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्ण बजट में सबसे ज्यादा फोकस जिन केटेगरी पर रहने वाला है उनमें मिडल क्लास हो सकता है. मिडल क्लास को राहत देने का सबसे सीधा रास्ता होता है इनकम टैक्स में राहत देना. हालांकि अब तक सरकार का रुख रहा है कि न्यू टैक्स रीजीम मीडिल क्लास को राहत देने वाली है. लेकिन नीति निर्धारकों के बीच एक वर्ग है जो मानता है कि इनकम टैक्स के मोर्चे पर इससे कहीं ज्यादा किए जाने की जरूरत है. इससे कंजप्शन ग्रोथ में गिरावट आई है उसे भी बढ़ाया जा सकता है. इसी तरह होम लोन पर सब्सिडी मुहैया कराना भी एक अच्छा विकल्प माना जाता है. इससे ना सिर्फ आम लोगों को सस्ते में घर मिल जाएगा बल्कि रीयल एस्टेट और उससे जुड़े सेक्टर को भी बूस्ट मिलेगा.
गौरतलब है कि भाजपा ने अपने मेनिफेस्टो में मिडल क्लास के लिए घर के निर्माण की लागत को कम करना, पंजीकरण की कीमत को करना जैसे वादे भी किए हैं. ऐसे में में सरकार इस पर अपना फोकस बढ़ा सकती है.
टैक्सपेयर्स के लिए क्या है ख़ास
सूत्रों के मुताबिक, बजट में सालाना 15 लाख रुपये कमाने वाले व्यक्तियों को आयकर में राहत मिलने की उम्मीद है. मौजूदा समय में इनकम टैक्स स्लैब में 15 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर 5 से 20 प्रतिशत तक टैक्स चुकाना पड़ रहा है. इसी तरह 15 लाख से अधिक कमाई पर 30 फीसदी की दर से टैक्स चुकाना पड़ता है.
रोजगार पर फोकस
बजट का जिन मुद्दों पर फोकस रहने वाला है उनमें से एक हो सकता है रोजगार. इसके लिए मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने पर जोर रहने वाला है. वहीं प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की सफलता से सरकार काफी उत्साहित दिख रही है. सूत्रों के मुताबिक इस PLI स्कीम का दायरा बढ़ाते हुए कुछ नए सेक्टर को भी इसमें शामिल किया जा सकता है. मसलन, खिलौना, फर्नीचर जैसे प्रोडक्ट शामिल हो सकते हैं. रोजगार बढ़ाने के लिए टूरिज्म जैसे सर्विस सेक्टर और छोटे और मझौले शहरों में स्टार्टअप को बढ़ावा देने पर फोकस हो सकता है. शैक्षणिक और व्यावहारिक स्किल को जोड़ने के लिए एक इंटर्नशिप कार्यक्रम की भी शुरुआत हो सकती है.
इन सबके अलावा भाजपा के मेनीफेस्टो-संकल्प पत्र-में किए गए कई वादे बजट में साकार होते दिख सकते हैं. जिनका फोकस गांव और किसान पर हो सकता है.