सनस्क्रीन लगाने के बाद भी हो रही है टैनिंग, इसे लगाने में न करें ये गलतियां

भारत में अधिकतर जगहों पर गर्मी के आतंक से लोग परेशान हैं. लू लगने का खतरा जानलेवा तक साबित हो रहा है. 40 डिग्री तापमान से ज्यादा वाले इलाके में चलने वाली गर्म हवाएं यानी लू की वजह से लोग बेहोश हो रहे हैं. बढ़ी हुई गर्मी की वजह से त्वचा को भी नुकसान हो रहा है. तेज धूप, गर्मी और यूवी किरणों से स्किन को बचाने के लिए सनस्क्रीन लगाई जाती है. गर्मियों में इसे स्किन केयर में रामबाण नुस्खा तक माना जाता है. मार्केट में 30, 50 या 70 एसपीएफ वाली सनस्क्रीन मिल जाती है. पर कुछ लोगों को सनस्क्रीन लगाने के बावजूद टैनिंग हो जाती है.
अधिकतर के मन में सवाल रहता है कि वे स्किन को बचाने के लिए सनस्क्रीन लगा रहे हैं फिर भी वे टैनिंग का शिकार क्यों हो रहे हैं. कहीं आप सनस्क्रीन को लगाने में कुछ गलतियां तो नहीं दोहरा रहे हैं. चलिए आपको बताते हैं सनस्क्रीन को लगाने में भी कौन-कौन सी गलतियां लोग करते हैं.
सनस्क्रीन क्यों है जरूरी
तेज धूप और चिलचिलाती गर्मी ही नहीं यूवी किरणों की वजह से स्किन डैमेज होती है. ज्यादा देर बाहर रहने पर स्किन काली पड़ने लगती है. ऐसे में स्किन का बचाव करने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. दरअसल, मार्केट में मिलने वाली सभी सनस्क्रीन में ऐसे फॉर्मूले का यूज किया जाता है जो इसे डैमेज और डार्कनेस से बचाता है. सनस्क्रीन के कई टाइप हैं जिनमें एसपीएफ 30, 50 और 70 कॉमन है. पर इस ब्यूटी प्रोडक्ट को लगाने के बावजूद कुछ लोगों को टैनिंग हो जाती है. इसका कारण है इसे लगाने में की जाने वाली ये गलतियां…
सनस्क्रीन लगाते ही बाहर निकलना
सनस्क्रीन को लगाने का एक अहम नियम है कि इसे स्किन पर अप्लाई करने के आधे घंटे बाद ही बाहर निकलें. ऐसा करने से ये स्किन में अच्छे से एब्जॉर्ब हो जाती है. पर महिलाएं या पुरुष ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं और वे इसे लगाते ही सीधे बाहर निकल जाते हैं. इस गलती के कारण ये ब्यूटी प्रोडक्ट बेस्ट रिजल्ट नहीं दे पाता है.
स्किन टाइप का ध्यान न रखना
अमूमन हर ब्यूटी प्रोडक्ट को लगाने से पहले ये जान लेना जरूरी है कि आपकी स्किन का टाइप कौन सा है. ऑयली स्किन वालों को हमेशा जेल वाली सनस्क्रीन लगानी चाहिए. भारत में लोग स्किन टाइप पर ध्यान नहीं देते हैं और किसी भी सनस्क्रीन को अप्लाई करते हैं. ऐसे में ये ठीक से काम नहीं कर पाती है और रिजल्ट भी सही नहीं मिलते.
मौसम के बदलते ही इसे न लगाना
लोगों में ये मिथ है कि गर्मी में ही सनस्क्रीन को लगाना चाहिए. जबकि ये सोच गलत है. भले ही मौसम में बदलाव क्यों न हो जाए पर फिर भी सनस्क्रीन को लगाने का रूटीन नहीं छोड़ना चाहिए. रूटीन के टूटने पर स्किन डैमेज का रिस्क भी बढ़ सकता है.
बाहर निकलने पर ही सनस्क्रीन लगाना
लोग ये भी मानते हैं कि अगर उन्हें बाहर निकलना है तो ही सनस्क्रीन को स्किन पर अप्लाई करना जरूरी है. एक्सपर्ट्स कहते हैं हमें घर में रहते हुए भी इसे दिन में तीन बार अप्लाई करना चाहिए. सिर्फ धूप ही नहीं मौसम में मौजूद गर्मी के कारण भी टैनिंग होती है. ये ब्यूटी प्रोडक्ट हमारी स्किन को टैनिंग से बचाने के अलावा कई दूसरे फायदे भी पहुंचाती है. ऐसी भी सनस्क्रीन मार्केट में मिल रही हैं जो स्किन को मॉइस्चराइज रखने का भी काम करती हैं.

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