गर्मी से पिघला अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का स्टैच्यू, सिर धड़ से हुआ अलग

भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में भीषण गर्मी पड़ रही है. जिससे लोगों का जीना मुहाल हो गया है. गर्मी का आलम ये है लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. अमेरिका में भी गर्मी का प्रकोप जारी है. जिसका असर वहां के नागरिकों के साथ ही मूर्तियों पर भी पड़ रहा है. अमेरिका में चिलचिलाती गर्मी की वजह से देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की मोम की स्टैच्यू को भी नुकसान पहुंचा है.
वाशिंगटन डीसी में अत्यधिक गर्मी से गंभीर पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का मोम का स्टैच्यू पिघल गया है. 6 फीट लंबी मोम की प्रतिमा का ऊपरी सिरा पिघलकर नीचे धंस गया है. गर्दन का हिस्सा पूरी तरह नीचे की तरफ झुक गया है. खुले आसमान के नीचे बनी इस प्रतिमा के कई हिस्सों को नुकसान पहुंचा है.
अब्राहम लिंकन का मोम का स्टेच्यू
गर्मी के कारण स्टैच्यू का सिर अलग हो गया
बताया जा रहा है कि सप्ताह के आखिर में वाशिंगटन डीसी में तापमान तीन अंक (फारेनहाइट) तक बढ़ गया. भीषण गर्मी के कारण स्टैच्यू का सिर अलग हो गया और उसके बाद पैर अलग हो गए, केवल धड़ ही बचा. वहीं जिस मोम की कुर्सी पर लिंकन का स्टैच्यू बनाया गया था वह भी धंस गई. लिंकन मेमोरियल स्टैच्यू के क्षतिग्रस्त सिर की फिलहाल मरम्मत चल रही है. स्टैच्यू की गर्दन का तार निकला हुआ है जिसे ठीक किया जा रहा है.
सैंडी विलियम्स ने IV से बनाई थी वैक्स स्टेच्यू
वर्जीनिया स्थित कलाकार सैंडी विलियम्स ने IV द्वारा इस मोम की वैक्स स्टेच्यू को बनाया था. गैर-लाभकारी कल्चर डीसी द्वारा निर्मित यह स्मारक गैरीसन एलीमेंट्री स्कूल के मैदान में स्थित है, जो कभी कैंप बार्कर का स्थल था. यहां एक नागरिक युद्ध-युग का शरणार्थी शिविर था. वर्जीनिया स्थित कलाकार सैंडी विलियम्स ने IV द्वारा इस मोम की वैक्स स्टेच्यू को बनाया था. यह सिर्फ एक स्टेच्यू ही नहीं बल्कि एक कार्यात्मक मोमबत्ती भी है. वैसे यह पहली बार नहीं है जब कलाकृति को पिघलने की समस्या का सामना करना पड़ा है.

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