रिलेशनशिप के ये रेड फ्लैग वक्त रहते पहचानें, नहीं तो होगी ज्यादा तकलीफ
हर रिलेशनशिप में उतार-चढ़ाव आना लाजमी होता है, लेकिन कई बार लोग अपने रिलेशन में रेड फ्लैग देकर भी उसे अनदेखा करते रहते हैं और इस वजह से लोग एक ऐसे रिश्ते में लंबे समय तक अटके रहते हैं, जिससे उन्हें काफी ज्यादा स्ट्रेस झेलना पड़ता है और इससे मेंटल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है. इस तरह के रिश्तों को जितना लंबा खींचा जाता है उतनी ही ज्यादा तकलीफ होती है, इसलिए वक्त रहते रिलेशनशिप के रेड फ्लैग्स को पहचानना जरूरी होता है.
रिलेशनशिप में अगर सही समय पर रेड फ्लैग्स को पहचान लिया जाए तो इससे आपको अपने रिश्ते को सुधारने और बचाने का मौका मिल जाता है या फिर आप यह फैसला ले पाते हैं कि ऐसे रिश्ते को और ज्यादा लंबा खींचना है या फिर नहीं. फिलहाल जान लेते हैं कि कौन से हैं वो रेड फ्लैग.
पार्टनर का कंट्रोल का बिहेवियर
रिलेशनशिप की शुरुआत में पार्टनर्स एक दूसरे को कुछ चीजों जैसे दोस्तों से बात करना, कपड़े पहनना आदि के लिए रोकटोक करते हैं तो लोग इसे केयर का नाम दे देते हैं, लेकिन वक्त रहते यह पहचानना जरूरी है कि वो केयर है या फिर कंट्रोलिंग. पार्टनर का बिहेवियर आपको कंट्रोल करने का है तो ऐसे रिलेशन में आप खुश नहीं रह सकते हैं.
पार्टनर अगर आपको क्रिटिसाइज करे
आपका पार्टनर अगर छोटी-छोटी बातों पर आपको क्रिटिसाइज (आलोचना) करता है या फिर आपके बिहेवियर, कपड़े पहनने के तरीके आदि कई चीजों को लेकर दूसरों से तुलना करता है तो इस रेड फ्लैग को पहचानना जरूरी है. इससे आप हर्ट तो होंगे ही, साथ ही आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस भी हिल सकता है.
इमोशनली मैनिपुलेट करना
पार्टनर अगर आपको हर बात पर इमोशनली मैनिपुलेट करने की कोशिश करता है, जैसे हर चीज को इस तरह से दिखाना कि आपकी ही गलती हो. अगर आपके पार्टनर का बिहेवियर भी ब्लेम गेम वाला हो तो इस रेड फ्लैग को जल्दी ही पहचान लेना जरूरी होता है, नहीं तो आपको काफी ज्यादा तकलीफ हो सकती है.
डिसरेस्पेक्ट करना
किसी भी रिश्ते में स्ट्रांग फीलिंग के अलावा सबसे ज्यादा जरूरी चीज होती है एक दूसरे की रिस्पेक्ट करना. अगर आपका पार्टनर अपने किसी एक्शन, शब्दों या फिर एटिट्यूड से आपको नीचा दिखाने की कोशिश करता है, तो ऐसे रिलेशनशिप में रहना काफी टॉक्सिक हो सकता है और ऐसे रिश्ते को ज्यादा खींचने का रिजल्ट स्ट्रेस, एंग्जायटी जैसी चीजें होती हैं.