ऑस्ट्रेलिया को करारा तमाचा, सिर्फ एक दिन अच्छा खेलकर बार-बार नहीं जीत सकते वर्ल्ड कप
ऑस्ट्रेलिया विश्व क्रिकेट की बड़ी टीम है. उसे चैंपियन का दर्जा मिला हुआ है. ये दर्जा उसने अपने दमदार प्रदर्शन के बलबूते हासिल किया है. टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों ही फॉर्मेट में इस टीम की ताकत को दुनिया भर के क्रिकेट फैंस ने समय-समय पर देखा है. लेकिन अब वक्त बदल चुका है. अब इस टीम के प्रदर्शन में वो दम-खम नहीं है. अब इस टीम की सोच भी वैसी नहीं रही जैसी पहले हुआ करती थी. इस बात को ऐसे भी कहा जा सकता है कि अब दुनिया की और भी कई छोटी-बड़ी टीमें सिर्फ और सिर्फ जीत के इरादे से मैदान में उतरा करती हैं.
ये बात हम सिर्फ इस आधार पर नहीं कह रहे हैं कि वो ऑस्ट्रेलिया की टीम T20 वर्ल्ड कप से बाहर हो गई है. ये बात हम इस आधार पर कह रहे हैं कि अगर 6-7 महीने के भीतर भीतर अफगानिस्तान की टीम ऑस्ट्रेलिया को दो बार हिला दे तो कहीं ना कहीं कुछ बड़ी गड़बड़ है.अब ऑस्ट्रेलिया की टीम भी कभी कभार नहीं बल्कि अक्सर गलती करती है. अब ऑस्ट्रेलिया की टीम भी अपने प्रदर्शन की बजाए दूसरी टीमों के प्रदर्शन के भरोसे रहती है. अब ऑस्ट्रेलिया की टीम के साथ जो ‘एक्स फैक्टर’ हुआ करता था वो अब नहीं रहा.
वर्ल्ड कप 2023 में भी फंस गया था ऑस्ट्रेलिया
भूलना नहीं चाहिए कि 2023 वर्ल्ड कप में अफगानिस्तान की टीम ने ऑस्ट्रेलिया को लगभग हरा दिया था. वो तो ग्लेन मैक्सवेल पर उस दिन किसी ‘करिश्माई शक्ति’ का हाथ था जो अनफिट होकर भी उन्होंने दोहरा शतक जड़ दिया. वरना ऑस्ट्रेलिया के साथ जो अनहोनी 23 जून 2024 को हुई वो 7 नवंबर 2023 को ही हो सकती थी. जब अफगानिस्तान के खिलाफ 292 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने एक वक्त पर सिर्फ 91 रन पर 7 विकेट गंवा दिए थे. उस वक्त ऐसा लगा कि वो एक दिन ऑस्ट्रेलिया का बुरा दिन था. लेकिन 6-7 महीने के भीतर ही दोबारा बुरा दिन आ गया और इस बार तो वो बुरा दिन किस्मत के भरोसे जीत लेकर नहीं बल्कि हार लेकर आया. अफगानिस्तान के खिलाफ 21 रन से हार.
भारत ने भी ऑस्ट्रेलिया को धोया
23 जून को अफगानिस्तान के खिलाफ हार के कुछ ही घंटे बाद भारत ने कंगारुओं को वही हश्र किया. भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 24 रन से हराया. ऐसे मौके कम ही आते हैं जब ऑस्ट्रेलिया को इस तरह लगातार हार का सामना करना पड़ा हो. बड़ी बात ये है कि दोनों ही मैच में ऑस्ट्रेलिया की टीम को विरोधियों ने बहुत ‘कनविंसिंग’ तरीके से हराया. T20 फॉर्मेट में अफगानिस्तान के खिलाफ 21 और भारत के खिलाफ 24 रन की हार ‘कनविंसिंग’ ही कही जाती है.
अब 2023 वर्ल्ड कप में एक बार फिर वापस चलिए. फाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला था. भारतीय टीम की बल्लेबाजी नहीं चली थी. भारतीय टीम 240 रन ही बना पाई थी. 241 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम भी लड़खड़ाई थी. 47 रन पर उसके तीन विकेट गिर गए थे. डेविड वॉर्नर, मिचेल मार्श और स्टीव स्मिथ आउट हो चुके थे. लेकिन फिर ट्रेविस हेड जम गए. ट्रेविस हेड ने 137 रन की बड़ी पारी खेली. इकलौते ट्रेविस हेड के प्रदर्शन के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल जीत लिया.
अब 24 जून की बात कीजिए. ऑस्ट्रेलिया के सामने 206 रन का लक्ष्य था. एक बार फिर ट्रेविस हेड ने एक मोर्चा संभाला. ट्रेविस हेड जब तक क्रीज पर थे तब तक भारतीय खेमा निश्चिंत नहीं था. हर किसी को पता था कि 20 ओवर के फॉर्मेट में एक बल्लेबाज कैसे बाजी पलट सकता है. लेकिन इस बार ट्रेविस हेड मैच को ‘फिनिश’ नहीं कर पाए. ट्रेविस हेड जब आउट हुए तो ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 21 गेंद पर 50 से ज्यादा रन चाहिए था. इसके बाद बाकी बल्लेबाज़ों ने घुटने टेकने में देर नहीं लगाई.
ये सबक दुनिया की हर टीम के लिए है
बात बहुत साफ है- कोई भी खेल हो और दुनिया की कोई भी टीम हो. खेल के नियम बहुत सीधे हैं. टीम गेम में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पूरी टीम को मेहनत करनी होती है. पूरी टीम को दमखम दिखाना होता है. जीत की आदत डालने के लिए पूरी टीम को कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होना पड़ता है. आप ‘इंडीविजुअल ब्रिलिएंस’ या किसी एक खिलाड़ी की काबिलियत पर एक दो मैच जीत सकते हैं लेकिन पूरा का पूरा टूर्नामेंट नहीं.
किसी भी टूर्नामेंट या सीरीज में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट या प्लेयर ऑफ द सीरीज तो होता् है, लेकिन मैन ऑफ द मैच भी चाहिए होता है. हर बार ट्रेविस हेड नहीं टिक सकते, हर बार ग्लेन मैक्सवेल पर ऊपर वाले की नियामत नहीं हो सकती हर बार कंगारुओं की ही किस्मत अच्छी नहीं हो सकती है. या फिर इसे यूं कहिए कि हर बार विरोधी टीम की ही किस्मत खराब नहीं हो सकती है.
आईपीएल 2024 का उदाहरण लीजिए- 20 ओवर के मैच में 277, 287 जैसे रिकॉर्ड तोड़ स्कोर बनाने वाली सनराइजर्स हैदराबाद की टीम ने खिताब नहीं जीता. आखिरी मैच में नेट रन रेट के भरोसे प्लेऑफ खेलने वाली रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू ने भी खिताब नहीं जीता. शुरूआत में लगातार जीत हासिल करने वाली राजस्थान रॉयल्स के खाते में भी ट्रॉफी नहीं आई. ट्रॉफी उस टीम ने जीती जिसने पहले मैच से लेकर आखिरी मैच तक अच्छा प्रदर्शन किया यानी कोलकाता नाइट राइडर्स. पूरे टूर्नामेंट में केकेआर की टीम में कमाल की ‘कंसिसटेंसी’ थी. ऑस्ट्रेलिया के लिए यही खतरे की घंटी है. बगैर ‘कंसिसटेंसी’ दिखाए कुछ बड़े टूर्नामेंट आप जीत सकते हैं लेकिन हर बार नहीं.
अब्राहम लिंकन का बड़ा मशहूर कोट है- आप कुछ लोगों को हमेशा बेवकूफ बना सकते हैं. आप सभी लोगों को कभी कभी बेवकूफ बना सकते हैं. लेकिन आप सभी लोगों को हमेशा बेवकूफ नहीं बना सकते हैं. इसी बात को किस्मत के सहारे टूर्नामेंट जीतने पर लागू कर दीजिए. आप कुछ टीमों के खिलाफ किस्मत से जीत सकते हैं. आप कुछ बड़े टूर्नामेंट किस्मत के सहारे जीत सकते हैं. लेकिन आप सभी टूर्नामेंट किस्मत के सहारे नहीं जीत सकते.