बच्चा करता है बात बात पर बहस तो ऐसे करें आदत में सुधार

हर बच्चे का अपना एक अलग स्वभाव होता है, कुछ बच्चे इंट्रोवर्ट होते हैं कुछ एक्सट्रोवर्ट तो वहीं कुछ बच्चे हद से ज्यादा गुस्सैल स्वभाव के होते हैं. इसके अलावा आपने देखा होगा कि कुछ बच्चे बात बात पर अपने पेरेंट्स से या फिर घर के अन्य सदस्यों से बहस करते रहते हैं. लेकिन आखिर इन छोटे बच्चों में ये आदत आती कहां से है. छोटे बच्चे ज्यादा से ज्यादा समय अपने पेरेंट्स के साथ बिताते हैं. इसलिए उनकी अच्छी और बुरी आदतों के जिम्मेदार भी पेरेंट्स ही होते हैं. लेकिन समय रहते इस समस्या का हल न निकाला जाए तो बच्चे जिद्दी होने के साथ साथ बद्तमीज भी हो सकते हैं. वहीं बात बात पर बहस करने की आदत उनके लिए आगे चलकर परेशानी बन सकती है. छोटी उम्र मे बच्चों की इस आदत पर लगाम लगाना बहुत जरूरी होता है.
बच्चों की हरकतों के लिए पेरेंट्स काफी हद तक जिम्मेदार होते हैं. वहीं उनकी आदत में सुधार करने के लिए पेरेंट्स कई सारे प्रयास भी करते हैं. लेकिन कई बार माता पिता इसमें असफल रहते हैं.ऐसे में अगर आप भी अपने बच्चे के जिद्दी और बहस करने वाले व्यवहार से परेशान हैं और उनकी आदतों में सुधार करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल की मदद ले सकते हैं.
बात बात पर न करें गुस्सा
कुछ पेरेंट्स किसी भी बात का गुस्सा अपने बच्चों पर उतार देते हैं जिसका उनके मस्तिष्क पर सीधा असर पड़ता है. पेरेंट्स की ये आदत बच्चों को कम उम्र में ही गुस्सैल बना देती है. इसके साथ ही बच्चे जिद में आकर पेरेंट्स से बहस करना शुरू कर देते हैं. इसलिए कभी भी किसी और का गुस्सा अपने बच्चों पर न निकालें.
बात करने का तरीका जरूर सिखाएं
कई बार छोटे बच्चों को हम इतना लाड प्यार करते हैं कि उनकी उल्टी या गलत बात भी हमें प्यारी लगने लगती है और हम उन्हें क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना है इसके बीच का फर्क नहीं समझाते हैं. लेकिन वहीं जब बड़े होकर बच्चे को उल्टी बातें बोलने की आदत लग जाती है तब पेरेंट्स उनकी आदत में सुधार नहीं कर पाते हैं और फिर बाद में पछताते हैं. इसलिए अपने बच्चों को बात करने का तरीका और लहजा जरूर सिखाएं.
पॉजिटिव एटिट्यूड सिखाएं
बच्चों के अंदर आत्मविश्वास होना जरूरी है लेकिन इसके चक्कर में उन्हें ओवर कॉन्फिडेंट न बना दें. बल्कि इसकी जगह आप उन्हें हर परिस्थिति में पॉजिटिव व्यहवहार रखना सिखाएं. इसके साथ ही अपने बच्चों को सही और गलत के बीच फर्क समझाना न भूलें.

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