ड्रोन उड़ाने के लिए ट्रेनिंग है जरूरी, जानिए किसे और कहां से मिलेगा सर्टिफिकेट

आपने अब तक ‘कार चलाना सीखें’ टाइप विज्ञापन देखें होंगे पर शायद आपको ‘ड्रोन उड़ाना सीखें’ सुनकर हैरानी होगी. लेकिन अब देश भर में ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग देने वाले संस्थान खुल रहे हैं, जो 2 किलो से 25 किलो और उससे अधिक भार वाले ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग देते हैं. कमर्शियल तौर पर ट्रेन्ड ड्रोन पायलेट्स को दुनिया के यूरोप, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया समेत तमाम देशों में नौकरियां मिल सकती हैं.
10वीं कक्षा पास करने के बाद कोई भी व्यक्ति ड्रोन उड़ाने की कमर्शियल ट्रेनिंग ले सकता है. इसके बाद उसे शुरुआती तौर पर 20 हजार रुपये से 1 लाख रुपये तक महीने की नौकरी देश-विदेश में मिल सकती है.
एनएसडीसी के सीईओ वेद मणि त्रिपाठी ने बताया की सिद्ध प्लेटफॉर्म इसी दिशा में बढ़ावा देने के लिए लाया गया है. सीईओ ने बताया कि दुनिया भर में ड्रोन इंडस्ट्री लगातार बढ़ रही है. सर्विलेंस, खेती, आपदाओं समेत अलग-अलग कामों में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे में बड़े पैमाने पर प्रशिक्षित ड्रोन चलाने वालों की जरूरत पड़ रही है. यही वजह है कि सरकार भी ड्रोन ट्रेनिंग प्रोग्राम को बढ़ावा दे रही है.
किन लोगों के जरूरी होगी ड्रोन ट्रेनिंग
एक ड्रोन प्रशिक्षण संस्थान के प्रतिनिधियों से बात करने पर पता चला कि ड्रोन ट्रेंनिंग उन लोगों के लिए जरूरी नहीं है जो शौकिया तौर पर छोटे ड्रोन उड़ाते हैं, लेकिन उन लोगों के लिए अनिवार्य है जिन्हें इससे किसी भी तरह की आय हो रही है. सरकार की ओर से 2021 में जारी किए गए ड्रोन नियमों के तहत कमर्शियल होने की स्थिति के मद्देनजर ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण जरूरी है. साथ ही शौकिया तौर पर ड्रोन उड़ाने के लिए क्षमता भी नियमों में स्पष्ट की गई है.
ड्रोन उड़ाने के लिए कमर्शियल पायलट जरूरी
ड्रोन उड़ाने की कमर्शियल ट्रेनिंग हासिल करने के बाद DGCA की ओर से सर्टिफिकेट जारी किया जाता है, क्योंकि हर एक ड्रोन का एक यूआईएन (UIN) नंबर होता है और उस ड्रोन को उड़ाने के लिए कमर्शियल पायलट की ही जरूरत होती है. ठीक उसी तरह से जैसे किसी कार को चलाने के लिए एक लाइसेंस धारक की जरूरत होती है.

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