शहरों में नहीं गांवो पर टिकी है FMGC कंपनियों की उम्मीदें, तेल, साबुन से लेकर बिस्किट तक हर जगह मार रहे बाजी

साबुन, बिस्कुट और तेल जैसी वस्तुओं का उत्पादन करने वाली फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) कंपनियों की आय इस वित्तीय वर्ष में बढ़ सकती है. हालांकि, यह काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि शहरी क्षेत्रों में मांग में कमी न आए और ग्रामीण क्षेत्रों में इन वस्तुओं की कमजोर बिक्री में सुधार हो. अगर ऐसा होता है, तो इस वित्तीय वर्ष में इन कंपनियों की आय 7 से 9 प्रतिशत तक बढ़ सकती है, जो पिछले वित्तीय वर्ष 2024 में लगभग 7 प्रतिशत ही बढ़ पाई थी. यह जानकारी रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट में दी गई है.
40% है ग्रामीण क्षेत्रों का योगदान
FMCG कंपनियों की कुल आय में लगभग 40 प्रतिशत योगदान ग्रामीण क्षेत्रों का होता है. क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक आदित्य झावर ने कहा, वित्तीय वर्ष 2025 में ग्रामीण उपभोक्ताओं से वॉल्यूम ग्रोथ 6-7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. बेहतर मानसून की संभावना को देखते हुए उपज अच्छी होने की उम्मीद है. न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने से कृषि से होने वाली आय को समर्थन मिलेगा. इसके साथ ही, सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण पर जोर दे रही है. ग्रामीण बुनियादी ढांचे पर सरकारी खर्च बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में बचत बढ़ाने में मदद मिलेगी और लोग अधिक खर्च कर सकेंगे.
इस वजह से हो रहा ऐसा
मास सेगमेंट में कमजोर बिक्री के बावजूद, कंपनियां प्रीमियम प्रोडक्ट्स पर ध्यान बढ़ा रही हैं. 77 FMCG कंपनियों के स्डटी पर बेस्ड इस रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रीमियमाइजेशन बढ़ने से ऑपरेटिंग मार्जिन 50 से 70 बेसिस पॉइंट्स बढ़कर 20-21% हो जाएगा. हालांकि, यह मार्जिन इससे भी अधिक हो सकता था, लेकिन बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से बिक्री और मार्केटिंग के खर्चों में वृद्धि का प्रभाव पड़ रहा है. पिछले वित्तीय वर्ष में FMCG सेक्टर की आमदनी 5.6 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
क्या कहती है रिपोर्ट?
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वित्त वर्ष में शहरी इलाकों में वॉल्यूम ग्रोथ लगभग 7-8 प्रतिशत रह सकती है. लोगों के पास खर्च करने योग्य राशि बढ़ने और कंपनियों के प्रीमियम प्रोडक्ट्स पर ध्यान देने से यह वृद्धि संभव है. क्रिसिल रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर रबींद्र वर्मा ने कहा कि विभिन्न प्रोडक्ट सेगमेंट्स की रेवेन्यू ग्रोथ अलग-अलग होगी. फूड और बेवरेजेज सेगमेंट इस वित्त वर्ष में 8-9 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जिसमें ग्रामीण मांग से मदद मिलेगी. वहीं, पर्सनल केयर सेगमेंट 6-7 प्रतिशत बढ़ेगा. पिछले साल इन दोनों सेगमेंट्स से बेहतर ग्रोथ हासिल करने वाले होम केयर सेगमेंट में इस साल 8-9 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा सकती है.

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