कार हादसे में मारे गए छह भारतीयों के शव रविवार को अमेरिका से भारत भेजे जाने की उम्मीद: खबर

अमेरिकी प्रांत टेक्सास में हुए एक कार हादसे में मारे गए एक भारतीय परिवार की याद में दोस्तों और समुदाय के लोगों ने शनिवार को श्रद्धांजलि सभा की योजना बनाई है और रविवार को उनके शव भारत लाये जाने की संभावना है। स्थानीय मीडिया ने शुक्रवार को यह खबर दी।

हादसे में मारे गए छह लोगों के लिए सप्ताहांत में ह्यूस्टन और मेट्रो अटलांटा में शोक सभा रखी गई है, जहां लोग श्रद्धांजलि दे सकेंगे। अमेरिका के डलास शहर के बाहरी इलाके में 26 दिसंबर को हुए जानलेवा हमले में दो बच्चों सहित छह लोगों की मौत हो गई है, जबकि घटना में घायल एक व्यक्ति अस्पताल में जिंदगी की लड़ाई लड़ रहा है। यह परिवार मूल रूप से आंध्र प्रदेश के अमलापुरम का रहने वाला था।

हादसे में 43-वर्षीय लोकेश पोटाबातुला बच गया है, जबकि उसका भाई और जॉर्जिया के अल्फारेट्टा निवासी 28-वर्षीय रुशिल बार्री, पोटाबतुला की पत्नी 36-वर्षीया नवीना पोटाबतुला, उनके बच्चे- नौ-वर्षीया बेटी निशिधा पोटाबतुला और 10 वर्षीय बेटा कार्तिक पोटाबतुला, नवीना की मां सीतमालक्ष्मी पोन्नडा (60) और पितानागेश्वर राय पोन्नडा (64) की मौत हो गई है। अटलांटा न्यूज फर्स्ट चैनल ने शुक्रवार को बताया, ‘‘टेक्सास में हुए हादसे में मारे गए भारतीय परिवार के सदस्यों के शव रविवार को भारत भेजे जाएंगे।’’

चैनल ने इंडियन फ्रेंड्स ऑफ अटलांटा के संस्थापक और तेलुगु एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (टीएएनए) के सदस्य सुनील साविली से बात की, जो दुख की इस घड़ी में भारतीय परिवार की मदद कर रहे हैं। एक अन्य स्थानीय चैनल, 11अलाइव ने टीएएनए के अशोक कोल्ला के हवाले से कहा कि वे अंतिम संस्कार करने वाले संस्थानों, विमानन कंपनियों और कई वाणिज्य दूतावासों के साथ समन्वय सुनिश्चित कर रहे हैं, ताकि दुर्घटना में मारे गए लोगों के शव वापस भारत उनके घर भेजे जा सकें।

चैनल ने बताया कि लोकेश की हालत गंभीर बनी हुई है, ‘‘उसकी कई सर्जरी हुई है। वर्तमान में उनका हाथ और टखने टूट गए हैं, साथ ही उनकी गर्दन और रीढ़ की हड्डी में भी चोटें आई हैं, जिसके परिणामस्वरूप वह फिर से नहीं चल पाएंगे। इन सबके अलावा, हो सकता है कि उसकी दृष्टि भी चली गई हो।’’

जॉनसन काउंटी शेरिफ कार्यालय के अनुसार, यह हादसा मंगलवार को स्थानीय समयानुसार शाम चार बजे फोर्ट वर्थ से लगभग 53 किमी दक्षिण में क्लेबर्न के हुआ।

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