जलवायु परिवर्तन…भविष्य के लिए एक गंभीर खतरा, सुप्रीम कोर्ट के जजों ने दिया सुझाव

सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीश, जिनमें से तीन भारत के भावी मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हैं. उन्होंने जलवायु परिवर्तन के खतरों पर प्रकाश डाला और इससे निपटने के लिए कदम उठाने का सुझाव दिया. जस्टिस सूर्यकांत, पीएस नरसिम्हा, संजय करोल और केवी विश्वनाथन ने जलवायु परिवर्तन के गंभीर मुद्दों के समाधान की तत्काल आवश्यकता के बारे में बात की.
चारों न्यायाधीश शनिवार को अधिवक्ता जतिंदर चीमा द्वारा लिखित पुस्तक क्लाइमेट चेंज: द पॉलिसी, लॉ एंड प्रैक्टिस के लॉन्च में वक्तव्य दे रहे थे.
अस्तित्व के लिए एक गंभीर खतरा
जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि भारत जैसे विकासशील देश के लिए केवल कार्बन उत्सर्जन में कमी पर ध्यान केंद्रित करने वाले कानून पर्याप्त नहीं हो सकते हैं. यह दर्ज किया गया है कि 2011 से 2024 सबसे गर्म था. यहां और अभी की समस्या है और अस्तित्व के लिए एक गंभीर खतरा है.
कार्बन उत्सर्जन पर ध्यान
वैज्ञानिक रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि अब यह पिछले 1 लाख वर्षों के बाद सबसे गर्म है. देश के कानून केवल कार्बन उत्सर्जन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए है, लेकिन यह महसूस किया जाता है कि भारत जैसे विकासशील देश के लिए यह सबसे अच्छा मॉडल नहीं हो सकता है.
जलवायु आयोग की आवश्यकता
सुप्रीम कोर्ट ने रणजीत सिंह फैसले में कहा कि नागरिकों को जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव से खुद को बचाने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में एक जलवायु आयोग की आवश्यकता है जो नीति आयोग की तरह एक स्थायी निकाय हो, ताकि सभी कोणों से समस्याओं का समाधान किया जा सके.

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