डिजिटल इंडिया के मिशन में तेजी से आगे बढ़ रहा देश, 2030 तक भारत के नाम होगी ये उपलब्धि

पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने ने आज देश में कितना बदलाव किया है, इसका उदाहरण आज की युवा पीढ़ी है. जिस काम के लिए तब आम लोगों को घंटों लाइन में लगना पड़ता था. आज वह चंद सेकेंड में मोबाइल से पूरा हो जा रहा है. वह चाहें एटीएम की लाइन में खड़ा होना हो या किसी सरकारी काम के लिए दफ्तर का चक्कर लगाना हो. आज हर काम घर बैठे मोबाइल और इंटरनेट की मदद से पूरा हो जा रहा है.
2030 तक दोगुना हो जाएगा ऑनलाइन पेमेंट
डिजिटल पेमेंट तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में भारत में खुदरा डिजिटल पेमेंट 2030 तक मौजूदा स्तर से दोगुना होकर 7,000 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. कीर्ने और अमेज़न पे ने अपने एक स्टडी में यह बात कही है. रिपोर्ट शहरी भारतीय कैसे पेमेंट करते हैं में कीर्ने और अमेजन पे ने कहा कि ऑनलाइन खरीद में डिजिटल पेमेंट को मजबूती से अपनाने से उपभोक्ता व्यवहार में स्थायी बदलाव आने की संभावना है, जिससे ऑफलाइन खरीद को भी बढ़ावा मिलेगा.
सर्वे में शामिल 90 प्रतिशत लोगों ने ऑनलाइन खरीदारी करते समय डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता दी, लेकिन सबसे अधिक डिजिटल पेमेंट उपयोग (डीडीपीयू) के साथ संपन्न उपभोक्ता आगे रहे. ऐसे उपभोक्ता अपने 80 प्रतिशत लेन-देन के लिए डिजिटल पेमेंट के विभिन्न तरीकों का उपयोग करते हैं.
रिपोर्ट में इस बात पर दिया गया जोर
रिपोर्ट में कहा गया है कि युवा पीढ़ी सभी प्रकार के डिजिटल पेमेंट साधनों को अपनाने में सबसे आगे बने हुए हैं. पुरुष और महिलाएं, दोनों ही अपने लगभग 72 प्रतिशत लेन-देन में डिजिटल पेमेंट का उपयोग करते हैं, जो लैंगिक समानता को दर्शाता है.
यह शोध 120 शहरों में ऑफलाइन और ऑनलाइन तरीके से 6,000 से अधिक उपभोक्ताओं और 1,000 से अधिक व्यापारियों के बीच किए गए ऑनलाइन सर्वेक्षण पर आधारित है. इसमें विभिन्न क्षेत्रों, आय समूहों, शहर श्रेणियों, आयु वर्गों का प्रतिनिधित्व है. भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र में उछाल देखा गया है, जिसका बाजार मूल्य 2022 में 75 अरब डॉलर से 80 अरब डॉलर के बीच है. इसके 2030 तक सालाना 21 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है.

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