जिस राइफल से ट्रंप पर हुआ हमला वो शूटर्स की पहली पसंद क्यों है?

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले की चर्चा दुनियाभर में हो रही है. FBI के अनुसार, थॉमस मैथ्यू क्रुक्स नाम के 20 साल के लड़के ने इस हमले को अंजाम दिया था. जैसे ही एक गोली ट्रंप के कान के पास निकली, सीक्रेट सर्विस हरकत में आ गई और स्नाइपर्स ने थॉमस को तुरंत मार गिराया. जांच में थॉमस मैथ्यू के पास एक AR-15 स्टाइल राइफल बरामद हुई है. इस बंदूक पर पाबंदी को लेकर काफी पहले से बहस चल रही है.
AR-15 स्टाइल राइफल एक हल्की सेमी-ऑटोमैटिक राइफल है. अमेरिका में इसकी काफी मांग है. एक आंकड़े के मुताबिक, हर 20 में से 1 अमेरिकी के पास AR-15 गन है. इसकी कीमत 400 डॉलर यानी करीब 33 हजार है.
AR-15 स्टाइल राइफल में AR क्या है?
AR-15 राइफल में AR का मतलब आमतौर पर असाल्ट राइफल समझा जाता है. लेकिन इसका पूरा नाम अरमालाइट राइफल है. इसे बंदूक को 1950 के दशक में विकसित करने वाली कंपनी के नाम पर रखा गया है. एक असाल्ट राइफल फुली ऑटोमैटिक होती है. कनेक्टिकट जनरल असेंम्बली के मुताबिक, नागरिकों द्वारा इस तरह के बंदूकों के खरीदने पर कड़े प्रतिबंध हैं.
AR-15 सैन्य राइफलों की तरह दिखती जरूर है, लेकिन यह एक सेमी-ऑटोमैटिक गन है. यानी ट्रिगर को एक बार दबाने पर केवल एक राउंड फायर होता है. FBI द्वारा बैकग्राउंड चेक होने के बाद, कोई भी नागरिक इसे अमेरिका में खरीद सकता है. इन राइफलों का इस्तेमाल मूल रूप से शिकार के लिए किया जाता है. राष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिताओं में भी इसका इस्तेमाल होता है.
अमेरिका में इसे इतना पसंद क्यों किया जाता है?
राइफल का सटीक निशाना और चलाने के सरल तरीके के कारण यह आम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है. इसकी लोकप्रियता का एक कारण यह भी है कि इसमें व्यापक रूप से चीजें जैसे स्कोप, बड़ी-कैपेसिटी वाली मैगजीन जोड़ सकते हैं. इससे पसंद और जरूरत के अनुसार लोग उसमें बदलाव कर सकते हैं.
AR-15 स्टाइल राइफल को खरीदना काफी आसान है. किसी भी बंदूक की दुकान में एक वैध आईडी पेश करके राइफल खरीदी जा सकती है. गन कंट्रोल एक्ट 1968 (जीसीए) के तहत केवल 18 साल की उम्र का एक नागरिक कानून तरीके से शॉटगन या राइफल और गोला-बारूद खरीद सकता है. 21 साल की उम्र का होने पर हैंडगन और बाकी तरह के हथियारों को खरीदने की छूट मिल जाती है.
शूटर्स की पसंद क्यों है AR-15 स्टाइल राइफल?
AR-15 से बहुत तेजी से गोलियां निकलती हैं. हैंडगन के मुकाबले इनकी रफ्तार तीन गुना होती है. लेकिन इसकी बुलेट बहुत छोटी होती है. हैंडगन से चलाई बड़ी गोली शरीर के आरपार निकल जाती है. लेकिन AR-15 को गोली शरीर में छेद बनाकर अंदर घुसेगी और वहीं रह जाएगी. इससे एक शॉकवेव बनता है जो अंदरूनी चोटों का कारण बनता है.
जब गोली बंदूक से निकलती है, तो वो गन को पीछे की ओर धकेलती है. इसे रिकॉइल कहते हैं. लेकिन AR-15 में इसकी परेशानी नहीं होती. हर बुलेट के साथ जो रिकॉइल एनर्जी बनती है, वो दूसरी बुलेट को लोड करने में खप जाती है. इससे सटीक निशाना लगाना आसान हो जाता है.
एक आंकड़े के मुताबिक, 2012 से 2022 के बीच सबसे बड़ी मास शूटिंग की 17 में से 10 घटनाओं में AR-15 का इस्तेमाल हुआ है. मई 2022 में, एक पूर्व छात्र ने टेक्सास के उवाल्डे में रॉब एलीमेंट्री स्कूल में 19 बच्चों और दो शिक्षकों की गोली मारकर हत्या करने के लिए AR-15 का इस्तेमाल किया था. इस हथियार का इस्तेमाल अक्टूबर 2017 में लास वेगास में भी किया गया था, जहां एक बंदूकधारी ने एक संगीत समारोह में 60 लोगों की हत्या कर दी थी.
वाशिंगटन पोस्ट के रिपोर्टर टोड फ्रेंकल ने NPR से बातचीत करते हुए कहा था, AR-15 मास शूटर्स की पसंद इसलिए बन गई है क्योंकि यह एक सैन्य हथियार है जिसे नागरिक बाजार के लिए संशोधित किया गया है. इसको लेकर ऐसी धारण बन गई है जो कई कारणों से लोगों को आकर्षित कर रही है.
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