Euro 2024 final: स्पेन चौथी बार बना यूरो कप का चैंपियन, इंग्लैंड को फाइनल में हराकर रचा इतिहास

यूरो कप 2024 का फाइनल मुकाबला स्पेन और इंग्लैंड के बीच जर्मनी के बर्लिन में खेला गया. इस मुकाबले में स्पेन ने इंग्लैंड को 2-1 से हरा दिया. इसके साथ ही वह चौथी बार यूरो कप का चैंपियन बन गया है. स्पेन ने 12 साल बाद इस ट्रॉफी को फिर से हासिल किया है. स्पेन की टीम इससे पहले 1964, 2008 और 2012 में भी इस ट्रॉफी को जीत चुकी है. स्पेन ने यूरो कप 2024 जीतकर एक रिकॉर्ड भी अपने नाम किया. इस ट्रॉफी को सबसे ज्यादा 4 बार जीतने वाला वह पहला देश बन गया है. वहीं इंग्लैंड को लगातार दूसरी बार यूरो कप के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा है. इंग्लैंड की टीम 2020 के फाइनल में इटली से हार गई थी.
ये रहे स्पेन की जीत के हीरो
स्पेन पिछले एक दशक से किसी बड़े टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहा था. वहीं यूरो कप को जीते हुए 12 साल हो गए थे. 2012 वो राउंड-16 से ही बाहर हो गए थे. वहीं 2020 में उन्हें सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस बार स्पेन ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया. स्पेन की टीम बिना मैच हारे इस टूर्नामेंट को जीती है. इतना ही उन्होंने एक एडिशन में सबसे ज्यादा गोल (14) दागने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया. फाइनल मुकाबले में निको विलियम्स और मिकेल ओयार्जाबेल जीत के हीरो रहे.

Spain are champions of Europe #EURO2024 pic.twitter.com/Ch0AF0iPWl
— UEFA EURO 2024 (@EURO2024) July 14, 2024

पहले हाफ के बाद दोनों टीम कोई गोल नहीं दाग सकी थीं. दूसरा हाफ शुरू होते ही विलियम्स ने शानदार गोल से स्पेन को बढ़त दिलाई. हालांकि, इंग्लैंड के कोल पालमेर ने 73वें मिनट में बराबरी कर दी. इसके 13 मिनट बाद 86वें ओयार्जाबेल ने फिर से स्पेन के लिए गोल दागा, जो खेल का टर्निंग पॉइंट रहा. निको विलियम्स को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर द मैच का अवॉर्ड दिया गया. वहीं स्पेन के मिडफील्डिर रोड्री प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने. पूरे टूर्नामेंट में सनसनी मचाने वाले 17 साल के लमीन यमाल को यंग प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया.
60 साल से इंग्लैंड को इंतजार
इंग्लैंड की टीम ने 1964 से यूरो कप में हिस्सा लेना शुरू किया था, लेकिन 60 सालों में आज तक इस खिलाब को नहीं जीत सकी है. अब उसका इंतजार और भी बढ़ गया है. पहले साल यानि 1964 में तो वह टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई भी नहीं कर सकी थी. 1996 में इंग्लैंड को मेजबानी का मौका मिला था. उस वक्त वह सेमीफाइनल तक पहुंच सकी थी. तब जर्मनी ने ट्रॉफी पर कब्जा किया था. हालांकि, उसने पिछले दो एडिशन के फाइनल मुकाबले खेले हैं.

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