पंजाब सरकार ने कपास की फसल की निगरानी के लिए गठित कीं 128 टीमें, किसानों से की ये अपील
पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने सोमवार को कपास की फसल की निरंतर निगरानी सुनिश्चित बनाने के लिए 128 टीमें गठित की. वहीं, विभाग ने इस टीम की निगरानी के लिए दो ज्वाइंट डायरेक्टर स्तर के अधिकारियों को नियुक्त किया है. यह टीमें मुक्तसर साहिब, फाजिल्का, फरीदकोट, मोगा, बठिंडा, मानसा, बरनाला और संगरूर जिला में गठित की गई है.
पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि इन टीमों को कपास के खेतों का दौरा करने और फसल पर कीटों के हमले की निगरानी के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर कीटों की रोकथाम के उपायों बारे किसानों को सलाह देने का काम सौंपा गया है. वहीं, कृषि विभाग की टीमों ने आज फाजिल्का जिले के 73 गांवों में नरमे के खेतों का दौरा किया. खुईयां सरवर ब्लाक में तीन स्थानों पर गुलाबी सुंडी और आठ स्थानों पर सफेद मक्खी का हमला देखने को मिला.
किसान खेती विशेषज्ञों की सलाह का करें पालन
मंत्री गुरमीत सिंह ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा नरमे की काश्त की अलग-अलग विधियों और फसल पर कीटों, अन्य बीमारियों के हमले के प्रभावशाली प्रबंधन के बारे किसानों को जागरूक करने के लिए जिलों के 989 गांवों में किसान जागरूकता कैंप भी लगाए गए है. उन्होंने किसानों को खेती विशेषज्ञों की सलाह की पालनकरने और फसल पर सिफारिश किए कीटनाशकें की ही प्रयोग करने की अपील की.
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उन्होंने कहा कि कृषि विभाग मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की वचनबद्धता अनुसार राज्य के किसानों के कल्याण को सुनिश्चित बनाने के लिए हर संभव यत्न कर रहा है. उन्होंने बताया कि सावन की फसल सीजन 2024 के दौरान कपास पट्टी के जिलों में 60, 000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कपास की 6000 प्रदर्शनियां लगाई गई है. इन प्रदर्शनियों के लिए किसानों को लाभ भी दिए जाएंगे.
विभाग की टीमों ने कपास के खेतों का दौरा किया गया
डायरेक्टर कृषि और किसान कल्याण जसवंत सिंह ने बताया कि विभाग की टीमों द्वारा कपास के खेतों का दौरा किया जा रहा है. मुख्य कृषि अधिकारी मानसा ने बताया है कि विभाग द्वारा गांव साहनेवाल में किसान बलकार सिंह के कपास के खेत का दौरा किया गया. जहां खेतों में गुलाबी सुंडी का मामूली हमला देखने को मिला. जिसके बाद किसानों को कीटनाशकों का प्रयोग करने का सुझाव दिया गया, जिसके चलते स्थिति काबू में है.