बार्सिलोना ओलंपिक में 30 सेंटीमीटर के फासले से मिली हैरतअंगेज जीत की कहानी, एक ही परिवार की तीसरी पीढ़ी ने जीता मेडल
4 साल में भी भारत के लिए कुछ भी नहीं बदला था. उसका हाल 1992 में हुए बार्सिलोना ओलंपिक में भी 1988 के सियोल ओलंपिक की तरह ही था. लेकिन, इस बीच दुनिया ने कई बड़े बदलाव देख लिए. दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद का अंत हो चुका था. बर्लिन की दीवार गिरने से वेस्ट और ईस्ट जर्मनी एक हो गए थे. ठीक वैसे उत्तर और दक्षिण यमन भी अब एक हो गए थे. वहीं सोवियत संघ का 15 देशों में में विभाजन हो चुका था. दुनिया में इतने बदलावों को देखने के बाद बार्सिलोना में आयोजित हुए ओलंपिक गेम्स में दुनिया के 169 देशों ने हिस्सा लिया, जिनमें भारत भी एक रहा.
एक नई उम्मीद और इरादे के साथ भारत 1992 के ओलंपिक गेम्स में उतरा तो था अपनी तकदीर बदलने, लेकिन, ऐसा हुआ नहीं. एथलीटों की संख्या में इजाफा होने के बाद भी भारत मेडल के लिए 1988 के सियोल ओलंपिक की ही तरह बार्सिलोना में भी तरसता ही दिखा. 1992 ओलंपिक में भारत के कुल 52 एथलीट मैदान में उतरे थे, जिसमें 46 पुरुष और 6 महिलाएं थीं.
ये खेल पहली बार बने ओलंपिक का हिस्सा
बार्सिलोना ओलंपिक से कई नए खेलों के आयोजन की शुरुआत हुई, जिसमें बैडमिंटन और महिलाओं का जूडो अहम रहा. इसके अलावा बेसबॉल को भी मेडल स्पोर्ट्स में शामिल किया गया. जबकि बास्केटबॉल के पेशेवर खिलाड़ियों के लिए खोल दिए जाने से इसमें अमेरिका के लिए बल्ले-बल्ले हो गई. अमेरिका ने इस बास्केटबॉल इवेंट में हिस्सा लेने के लिए माइकल जॉर्डन और लैरी बर्ड जैसे सुपरस्टार खिलाड़ियों से सजी टीम भेजी और गोल्ड मेडल पर कब्जा किया.
एक परिवार की तीसरी पीढ़ी ने जीता था पदक
बार्सिलोना ओलंपिक में मेंस हॉकी का गोल्ड मेडल जर्मनी ने जीता था. जर्मनी की टीम में शामिल एक खिलाड़ी थे एंड्रियास केलर, जो इस खेल में मेडल जीतने वाले अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी थे. उनसे पहले उनके पिता कारस्टेन ने 1972 को ओलंपिक में हॉकी का गोल्ड जीता था. वहीं परिवार से सबसे पहले हॉकी में पदक उनके दादा इरविन ने साल 1936 में जीता था.
30 सेंटीमीटर के फासले से रोइंग में हुआ विजेता का फैसला
बार्सिलोना ओलंपिक को मेंस रोइंग के फाइनल में हुए उस दिलचस्प वाक्ये के लिए भी याद किया जाता है, जहां गोल्ड मेडल का फैसला सिर्फ 30 सेंटीमीटर के फासले से हुआ था. ये हैरतअंगेज जीत कनाडा ने रोमानिया के खिलाफ दर्ज की थी.
टॉप 10 टीमों में बंटे 196 गोल्ड
बार्सिलोना ओलंपिक में सबसे ज्यादा 112 मेडल, 45 गोल्ड के साथ यूनिफाइड टीम ने जीता था. वहीं 37 गोल्ड के साथ 108 मेडल जीतकर USA दूसरे नंबर पर रहा था. जर्मनी, चीन और क्यूबा भी टॉप 5 में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे थे. पिछले ओलंपिक का मेजबान साउथ कोरिया ने 12 गोल्ड के साथ 29 मेडल जीते थे. टॉप की 10 टीमों ने मिलकर 196 गोल्ड के साथ 524 मेडल शेयर किए थे.