जल जीवन मिशन घोटाले में ED का बड़ा एक्शन, जयपुर से बिचौलिया संजय बड़ाया गिरफ्तार

जल जीवन मिशन घोटाले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बड़ा एक्शन लिया है. जयपुर से संजय बड़ाया को गिरफ्तार किया है. बड़ाया पर जल जीवन मिशन घोटाले में बिचौलिए की भूमिका का आरोप है. ईडी के अधिकारी बड़ाया से जयपुर कार्यालय में पूछताछ कर रहे हैं. ईडी इस मामले में अबतक तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
इस मामले में कैग की रिपोर्ट में ये बात सामने आई थी कि पीएचईडी विभाग का करोड़ों का रेवेन्यू बिना विधानसभा की अनुमति के सीधे राजस्थान वाटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन बोर्ड (RWSSC) को ट्रांसफर किया गया. इसके बाद यह पैसा सीधे जलजीवन मिशन में ट्रांसफर कर दिया गया.
RWSSC के पीडी खातों में ट्रांसफर किया गया पैसा
आरोप है कि जल जीवन मिशन परियोजना में वित्त विभाग के अफसरों ने पहले पेयजल विभाग के राजस्व का पैसा राज्य सरकार की संचित निधि में जमा करवाने के बजाय सीधे RWSSC के पीडी खातों में ट्रांसफर किया. इसके बाद RWSSC से भी यह राशि सीधे जल जीवन मिशन के खातों में ट्रांसफर कर दी गई.
कैग ने कई बार आपत्ति जताई थी
कैग ने इस पर बार-बार आपत्ति जताई थी. साथ ही वित्त विभाग को ऐसा करने से मना किया था. मामले के खुलासे के बाद वित्त विभाग में हड़कंप मच गया था. वित्त विभाग ने सीएजी को एक लेटर भी लिखा था. इसमें RWSSC की तुलना DISCOMs से की थी. मामले को दबाने की कोशिश की. कैग ने इसे खारिज कर दिया था.
सीएजी ने कही थी ये बात
सीएजी ने कहा था कि DISCOMs द्वारा विद्युत संबंधि योजनाओं के निर्माण, संचालन से जुड़े सभी खर्च विद्युत आपूर्ति से मिली राशि या अन्य वित्तीय स्रोतों से किए जाते हैं, न की राज्य सरकार की संचित निधि से. जबकि जलापूर्ति योजनाओं के संबंध में राजस्व और पूंजी व्यय राज्य की संचित निधि से किया जा रहा है.

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