NEET UG मामले में अब तक क्या-क्या हुआ ? यहां जानें पूरी डिटेल्स
मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी को लेकर विवाद जारी है. आए दिन इस मामले को लेकर नए नए खुलासे हो रहे हैं. तमाम छात्र संगठनों के साथ ही कई राजनीतिक दल भी नीट पेपर को लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. देश के कई राज्यों में स्टूडेंट्स विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
24 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स वाली प्रवेश परीक्षा कई अनियमितताओं के आरोपों की वजह से विवाद का केंद्र बन गई है. इस बीच पेपर में हुई गड़बड़ियों की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है वहीं मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच चुका है जहां कोर्ट लगातार इस मामले की सुनवाई कर रही है.
नीट-यूजी का रिजल्ट एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 4 जून को जारी किया था. जिसके बाद से ही बवाल मच गया था. परीक्षा में शामिल स्टूडेंट्स ने पेपर लीक होने का आरोप लगाया. इस बीच एनटीए पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं. मामले को लेकर जमकर राजनीति भी हो रही है. यहां तक कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे को उठाया था.
आईये जानते हैं क्या है नीट-यूजी विवाद और मामले में अब तक क्या-क्या हुआ.
5 मई को देशभर के 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर नीट यूजी 2024 की परीक्षा का आयोजन किया गया था. इन केंद्रों में देश के बाहर के 14 शहर भी शामिल हैं. नीट यूजी का परीक्षा रविवार 5 मई को दोपहर 2:00 बजे से शाम 5:20 बजे तक आयोजित की गई थी.
4 जीन को नीट यूजी का रिजल्ट जारी किया गया. जिसके बाद से ही इसमें धांधली के आरोप लगने लगे. परीक्षा में 67 स्टूडेंट्स ने पूरे 720 नंबर के साथ पहली रैंक हासिल की.स्टूडेंट्स का आरोप है कि कई स्टूडेंट्स के नंबर को मनमर्जी के मुताबिक घटाया और बढ़ाया गया जिसकी वजह से उनकी रैंक पर असर पड़ा.
नीट-यूजी 2024 में कुल 67 स्टूडेंट्स ने 720 नंबर हासिल किए थे. NTA के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ. 720 नंबर पाने वाले 6 स्टूडेंट्स हरियाणा के एक ही सेंटर के थे. जिसको लेकर परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगा.
आरोप लगाया गया है कि ग्रेस मार्क्स की वजह से 67 स्टूडेंट्स ने टॉप रैंक हासिल की. परीक्षा में 1,500 से ज्यादा स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं. जिसको लेकर कहा गया कि 6 सेंटर पर परीक्षा में देरी होने की वजह से समय की बर्बादी की भरपाई के लिए स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए. मेघालय, हरियाणा, छत्तीसगढ़, सूरत और चंडीगढ़ के कम से कम 6 सेंटर पर स्टूडेंट्स को पेपर देने के लिए पूरे 3 घंटे और 20 मिनट नहीं मिले. इसका कारण स्टूडेंट्स को गलत प्रश्नपत्र बांटने को बताया गया.
सीबीआई जांच
मामले की जांच की शुरूआत बिहार से हुई. पटना पुलिस ने परीक्षा में हुई धांधली की जाचं की शुरूआत की. पटना पुलिस ने FIR दर्ज की और 11 मई को पेपर लीक माले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया.
मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई को आयोजित नीट-यूजी 2024 में गड़बड़ियों का आरोप लगाने वाली याचिका पर केंद्र और एनटीए से जवाब मांगा.
सुप्रीम कोर्ट ने पेर लीक समेत अन्य दूसरी गड़बड़ियों के आधार पर नए सिरे से दोबारा से परीक्षा कराने वाली याचिका पर 11 जून को केंद्र और एनटीए से जवाब मांगा.
केंद्र सरकार ने 13 जून को कोर्ट को जानकारी दी कि नीट-यूजी परीक्षा देने वाले 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए हैं. इस दौरान सरकार ने कहा कि स्टूडेंट्स के पास या तो दोबारा एग्जाम देने या फिर समय हानी के लिए उन्हें दिए गए ग्रेस मार्क्स को छोड़ने का ऑप्शन होगा. 14 जून को सुप्रीम कोर्ट ने पेपर लीक और दूसरी गड़बड़ियों के आरोपों की CBI जांच की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र और एनटीए से जवाब मांगा.
सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को सुनवाई के दौरान कहा कि NEET-UG 2024 परीक्षा के संचालन में किसी की तरफ से लापरवाही हुई हो, लेकिन इससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए.
विवाद के बीच केंद्र सरकार ने 22 जून को एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार को हटा दिया और परीक्षा में हुई धांधली की जांच CBI को सौंप दी. 23 जून को CBI ने मामले में पहली FIR दर्ज की.
23 जून को अधिकारियों ने बताया कि नीट-यूजी में पहले ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1,563 उम्मीदवारों में से 813 ने दोबारा परीक्षा दी.
27 जून को नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने पहली गिरफ्तारी की. सीबीआई ने पटना से नीट पेपर लीक मामले के आरोपी मनीष प्रकाश और आशुतोष को गिरफ्तार किया.
1 जुलाई को एनटीए ने संशोधित परिणाम घोषित किया. जिसके बाद परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों की संख्या 67 से 61 हो गई.
सीबीआई देशभर में लगातार इस मामले से जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही है और छापेमारी कर रही है. एजेंसी इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
केंद्रीय एजेंसी ने यूजी पेपर लीक केस में पटना एम्स के चार मेडिकल छात्रों को भी हिरासत में लिया है. पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. गोपाल कृष्ण पाल के मुताबिक सीबीआई एम्स से चार स्टूडेंट्स से पूछताछ कर रही है.
सीबीआई ने पटना एम्स के चार डॉक्टरों को गिरफ्तार किया. इन पर सॉल्वर के तौर पर काम करने का आरोप है.
इस मामले में आरोपी कौन-कौन हैं
सीबीआई ने 16 जुलाई को नीट-यूजी 2024 पेपर लीक मामले में दो और आरोपियों पंकज कुमार और राजू सिंह को पटना और हजारीबाग से गिरफ्तार किया. पकज झारखंड के बोकारो का रहने वाला है जिस पर हजारीबाग में एनटीए के ट्रंक से पेपर चुराने का आरोप है. जिसमें आरोपी राजू सिंह ने उसकी मदद की थी.
पंकज हजारीबाग से गिरफ्तार किया गया चौथा शख्स है. सीबीआई ने इससे पहले ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल अहसानुल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम और एक स्थानीय पत्रकार जमालुद्दीन को यहीं से गिरफ्तार किया था. इस दौरान जाचं टीम ने स्कूल में तलाशी ली थी सबूत इकट्ठा किए थे.
11 जुलाई को सीबीआई ने बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले एक मुख्य आरोपी राकेश राजन उर्फ रॉकी को गिरफ्तार किया. रॉकी को विशेष सीबीआई कोर्ट ने पूछताछ के लिए एजेंसी को 10 दिनों की हिरासत में दे दिया है. रॉकी पर आरोप है कि उसने पेपर लीक के बाद उसे हल करने के लिए पटना और रांची से एमबीबीएस छात्रों की व्यवस्था की थी. रॉकी संजीव मुखिया के गिरोह के सदस्यों में से एक है. संजीव मुखिया इस मामले का सरगना माना जाता है.
सुप्रीम कोर्ट में अब तक क्या हुआ
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच इस मामले में 40 से ज्यादा याचिकाओं पर लगातार सुनवाई कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नीट-यूजी, 2024 की सुचिता प्रभावित हुई है. हालांकि, कोर्ट ने प्रवेश के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप हमें संतुष्ट करिए कि पेपर लीक बड़े पैमाने पर हुआ और परीक्षा रद्द होनी चाहिए. दूसरी इस मामले में जांच की दिशा क्या होनी चाहिए वो भी हमें बताएं.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से यह भी कहा कि अगर आप हमारे सामने यह साबित कर देते हैं कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई तभी दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया जा सकता है.