यूपी सरकार के काम का मैं…’कांवड़ यात्रा नेमप्लेट’ विवाद में फंसे सोनू सूद, अब तोड़ी चुप्पी

फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने हाल ही में एक्स पर एक पोस्ट लिखा था. अपने पोस्ट में उन्होंने कहा था कि हर दुकान पर एक ही नेमप्लेट होनी चाहिए- इंसानियत. उनका ये पोस्ट उत्तर प्रदेश सरकार के उस फैसले के बाद सामने आया था, जिसमें कहा गया था कि कांवड़ यात्रा के मार्ग पर पड़ने वाले तमाम दुकानों और रेस्टोरेंट्स के आगे मालिक अपनी नेमप्लेट लगाएं. इसके बाद सोनू को काफी ट्रोल किया गया.
सोनू को रिप्लाई करते हुए एक कथित वीडियो शेयर किया गया और कहा गया कि उसमें एक शख्स रोटी पर थूक रहा है. यूज़र ने लिखा, “थूक लगाई रोटी “सोनू सूद” को “पार्सल” की जाये, ताकि भाईचारा बना रहे.” इस ऑनलाइन ट्रोलिंग का सोनू सूद ने करारा जवाब दिया. उन्होंने लिखा, “हमारे श्री राम जी ने शबरी के जूठे बेर खाए थे तो मैं क्यों नहीं खा सकता. हिंसा को अहिंसा से पराजित किया जा सकता है मेरे भाई. बस मानवता बरकरार रहनी चाहिए. जय श्री राम.”
इस ट्वीट के बाद भी सोनू सूद को ऑनलाइन ट्रोल किया जाता रहा. अब सोनू सूद ने पूरे मामले पर लंबा पोस्ट लिखकर सफाई दी है. उन्होंने लिखा है, “मैंने खाने में थूकने वालों को कभी सही नहीं बताया. वो उनका चरित्र है जो कभी नहीं बदलेगा. इसके लिए उन्हें कड़ी सज़ा भी दें.”
वो आगे लिखते हैं, “लेकिन इंसानियत को इंसानियत ही रहने दें दोस्त. जितना समय हम एक दूसरे को समझाने में लगे हैं उतना समय ज़रूरतमंद लोगों पर लगा दें. वैसे आप सब के लिए बता दूं. यूपी सरकार के काम का मैं सबसे बड़ा प्रशंसक हूं. यूपी, बिहार का हर घर मेरा परिवार है. याद रहे राज्य, शहर, धर्म कोई भी हो, कोई ज़रूरत रहे तो बता देना. नंबर वही है.”
क्या है यूपी सरकार का फैसला?
सबसे पहले मुजफ्फरनगर प्रशासन ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले होटल, रेस्टोरेंट, फल की सब्जिया, पान की दुकान वगैरह के मालिकों को आदेश दिया कि वो अपनी दुकान के आगे हिंदी में मालिक का नाम लिखें. इस फैसले पर विवाद हुआ. इसके बाद यूपी सरकार ने इस फैसले को पूरे प्रदेश के कांवड़ मार्ग पर लागू कर दिया. योगी आदित्यनाथ की सरकार के इस फैसले का विपक्ष विरोध कर रहा है और इसे वापस लेने की मांग कर रहा है. हालांकि सरकार का कहना है कि ये फैसला श्रद्धालुओं की आस्था के मद्देनजर लिया गया है.

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