क्या इस बजट में मोदी सरकार पूरा करेगी अपना ये वादा? 31.4 लाख लोगों को होगा सीधा फायदा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 के लिए लगातार सातवीं बार और नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट मंगलवार यानी 23 जुलाई को लोकसभा में पेश करेंगीं.
बजट में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को लेकर उम्मीद के बारे में पूछे जाने पर जाने-माने अर्थशास्त्री और राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान (एनआईपीएफपी) में प्रोफेसर एन आर भानुमूर्ति ने कहा कि बजट में एनपीएस और आयुष्मान भारत पर कुछ घोषणाओं की उम्मीद है. पेंशन योजनाओं को लेकर राज्यों के स्तर पर काफी चर्चा हुई है. केंद्र सरकार ने एनपीएस (नई पेंशन सिस्टम) को लेकर समिति भी गठित की थी. प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत के बारे में कुछ बातें कही हैं. ऐसे में दोनों योजनाओं में कुछ घोषणाओं की उम्मीद की जा सकती है.
सरकार जारी कर सकती है फंड
सरकार बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लिए और फंड जारी कर सकती है. ऐसे में नया फंड रिलीज होने से मार्च 2025 तक ग्रामीण इलाकों में 31.4 लाख घरों के निर्माण का लक्ष्य पूरा किया जा सकेगा. प्रधानमंत्री आवास योजना मोदी सरकार की एक फ्लैगशिप स्कीम रही है. ये योजना सरकार के हाउसिंग फॉर ऑल लक्ष्य को पूरा करने के लिए बनाई गई है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में मार्च 2024 तक 2.95 करोड़ घर बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया था. नवंबर 2016 में जब इस योजना को चालू किया गया था, तब से अब तक देश में 2.63 करोड़ घर बनाए जाने का काम पूरा हो चुका है. इस स्कीम को मोदी सरकार ने पिछली सरकार की इंदिरा आवास योजना में आमूल-चूल बदलाव करके दोबारा लॉन्च किया था.
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत अधिकतर राज्यों में केंद्र सरकार मकान की लागत का 60 प्रतिशत वहन करती है. बाकी खर्च राज्य सरकारें उठाती हैं. इतना ही नहीं पूर्वोत्तर राज्यों में ये लागत केंद्र के हिस्से में 90 प्रतिशत तक चली जाती है. जबकि केंद्र शासित प्रदेशों में 100 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार ही उठाती है.
पीएम मोदी ने किया था वादा
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा था कि 70 साल से ऊपर के सभी नागरिकों को पांच लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान योजना के दायरे में लाया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी का ध्यान निवेश के जरिये लोगों के मान-सम्मान और बेहतर जीवन तथा रोजगार सुनिश्चित करने पर है.
एनपीएस और आयुष्मान भारत के बारे में अर्थशास्त्री और शोध संस्थान आरआईएस (विकासशील देशों की अनुसंधान एवं सूचना सिस्टम) के महानिदेशक सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि यह काफी महत्वपूर्ण क्षेत्र है. प्रमुख कार्यक्रम पहले से ही पूर्ण लक्ष्य तक पहुंचने के करीब हैं… इस दिशा में नए उपायों की उम्मीद की जा सकती है. इस संबंध में एनआईपीएफपी में प्रोफेसर लेखा चक्रवर्ती ने कहा कि महामारी के बाद की राजकोषीय रणनीति में सामाजिक सुरक्षा योजनाएं महत्वपूर्ण हैं. हालांकि, स्वास्थ्य क्षेत्र में बीमा योजनाएं इस प्रणाली को और अधिक महंगा बनाती हैं. बीमा योजनाओं के बजाय हमें मजबूत स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता है.

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