पाकिस्तान ने PM बेंजामिन नेतन्याहू को घोषित किया ‘आतंकवादी’, युद्ध अपराधी बनाने की मांग
इजराइल और हमास के बीच पिछले 9 महीने से भी अधिक समय से जंग जारी है. जंग के जल्द खत्म होने के आसार भी नहीं नजर आ रहे हैं. इजराइल हमास के ठिकानों पर हमला लगातार कर रहा है. दुनिया भर से शांति की अपील की जा रही है, लेकिन जंग बेरोकटोक जारी है. इस बीच दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारियों के दबाव में पाकिस्तान ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘आतंकवादी’ घोषित कर दिया. साथ ही यह मांग भी की कि नेतन्याहू को फिलिस्तीनियों के खिलाफ कथित युद्ध अपराधों के लिए न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाए.
राजनीतिक और सार्वजनिक मामलों पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह की ओर से जारी यह बयान, एक धार्मिक राजनीतिक पार्टी, तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (Tehreek-e-Labbaik Pakistan, TLP) के साथ हुए करार का हिस्सा था, जिसके तहत पार्टी राजधानी इस्लामाबाद के बाहर एक अहम सड़क पर कई दिनों से चल रहे अपने धरने को खत्म करना चाहती थी. शहबाज शरीफ सरकार ने आधिकारिक तौर पर इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को ‘आतंकवादी’ के रूप में मान्यता देने का फैसला किया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी ऐसा करने का आह्वान किया है.
हफ्तेभर प्रदर्शन के बाद TLP के साथ करार
स्थानीय अखबार डॉन के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ के राजनीतिक मामलों के सलाहकार राणा सनाउल्लाह, सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार और तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पार्टी (टीएलपी) के प्रतिनिधियों ने कल शनिवार को इस्लामाबाद में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. टीएलपी की ओर से एक हफ्ते तक गाजा के समर्थन में लंबे प्रदर्शनों के बाद, पाकिस्तान सरकार ने पार्टी के साथ बातचीत की. बैठक दोनों पक्षों के बीच समझौता होने पर संपन्न हो गई. जारी जंग में 38 हजार से अधिक फिलीस्तीनी लोगों की मौत हो चुकी है.
समझौते के तहत, पाकिस्तान सरकार आधिकारिक तौर पर इजरायल के प्रधानमंत्री को “आतंकवादी” के रूप में मान्यता देगी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से भी ऐसा करने के लिए कहेगी. संघीय सरकार और टीएलपी के प्रतिनिधियों गुलाम अब्बास फैजी और शफीक अमिनी के बीच 3 दिन पहले 18 जुलाई को बातचीत शुरू हुई. इस बीच सरकार ने ऐलान किया कि वह “इजरायली उत्पीड़न के फिलिस्तीनी पीड़ितों” के लिए अपने समर्थन में तेजी लाएगी.
पाकिस्तान में घायलों का होगा इलाजः सनाउल्लाह
समझौते पर राणा सनाउल्लाह और अताउल्लाह तरार ने हस्ताक्षर किए. सनाउल्लाह ने फिलिस्तीनी लोगों के लिए टीएलपी के प्रयासों की प्रशंसा की और घोषणा की कि सरकार गाजा को और अधिक मानवीय सहायता भेजेगी. सनाउल्लाह ने यह भी कहा कि सरकार की ओर से 31 जुलाई तक फिलिस्तीन को 1,000 टन से अधिक भोजन और दवा भेजी जाएगी. सरकार ने फिलिस्तीनी लोगों को चिकित्सीय मदद प्रदान करने और क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों को भेजने पर भी सहमति व्यक्त की.
सनाउल्लाह ने कहा, “यदि फिलिस्तीनी सरकार आवश्यक व्यवस्था करती है, तो घायल फिलिस्तीनियों को इलाज के लिए पाकिस्तान लाया जाएगा. पाकिस्तान में स्कूल और अस्पताल फिलिस्तीनियों को शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए खुले हैं.
‘नेतन्याहू आतंकवादी और युद्ध अपराधी’
सनाउल्लाह ने इजरायल को एक “आतंकवादी राष्ट्र” और उसके पीएम नेतन्याहू को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत युद्ध अपराधी के रूप में परिभाषित किया. उन्होंने जोर देकर यह भी कहा कि पाकिस्तान फिलिस्तीनियों की मदद करने और इजरायल की निंदा करने के लिए हर संभव साधन का इस्तेमाल करेगा.
पीएम नेतन्याहू के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग करते हुए सनाउल्लाह ने कहा, “नेतन्याहू एक आतंकवादी और युद्ध अपराध करने वाला अपराधी हैं. वह फिलिस्तीन में इजरायल द्वारा किए गए अत्याचारों के लिए जिम्मेदार है. इसलिए हम उन्हें आतंकवादी कहते हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अनुरोध करते हैं कि वह इजरायली पीएम नेतन्याहू को आतंकवादी के रूप में मान्यता दे.”
उन्होंने कहा, “हम न केवल इजरायल का बल्कि इजरायल से जुड़े सभी उत्पादों और इस उत्पीड़न में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल या मदद करने वाली किसी भी कंपनी का बहिष्कार करेंगे.” उन्होंने यह भी खुलासा किया कि गाजा पर इजरायल के हमलों का वित्तीय रूप से समर्थन करने वाली कंपनियों की पहचान करने और उनके उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक समिति की स्थापना की गई है. पाकिस्तानी सरकार उन कंपनियों के उत्पादों या सेवाओं का उपयोग नहीं करेगी जो फिलिस्तीनियों के खिलाफ युद्ध अपराध करने में इजरायली सेना की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सहायता करती हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से नेतन्याहू को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान किया.