99 सालों से समाज सेवा में संलग्न… संघ से हटे इस बैन का RSS ने किया स्वागत, कहा- लोकतंत्र होगा मजबूत

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रविवार यानी 21 जुलाई को ऐतिहासिक फैसला लिया. 58 साल बाद सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) में शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है. डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल और ट्रेनिंग ने एक आदेश जारी करते हुए यह फैसला सामने रखा. केंद्र सरकार के इस फैसले का राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने स्वागत किया.
अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट किया. सुनील आंबेकर ने कहा, आरएसएस पिछले 99 वर्षों से राष्ट्र के पुनर्निर्माण और समाज की सेवा में जुटा हुआ है. राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता- अखंडता एवं प्राकृतिक आपदा के समय में समाज के लिए संघ ने काम किया है, जिसके चलते संघ के योगदान के लिए समय-समय पर संघ की भूमिका के लिए प्रशंसा भी की गई है.
सुनील आंबेकर ने क्या कहा
सुनील आंबेकर ने पूर्व की कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा, अपने राजनीतिक स्वार्थों के चलते तत्कालीन सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को संघ जैसे संगठन की गतिविधियों में शामिल होने से बिना किसी आधार के प्रतिबंधित किया हुआ था. उन्होंने सरकार के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, शासन का वर्तमान निर्णय समुचित है और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को पुष्ट करने वाला है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गत 99 वर्षों से सतत राष्ट्र के पुनर्निर्माण एवं समाज की सेवा में संलग्न है। राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता-अखंडता एवं प्राकृतिक आपदा के समय में समाज को साथ लेकर संघ के योगदान के चलते समय-समय पर देश के विभिन्न प्रकार के नेतृत्व ने संघ की भूमिका की प्रशंसा भी की pic.twitter.com/MxRelxOyU4
— RSS (@RSSorg) July 22, 2024

1966 में लगाया गया था प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने पूर्व की केंद्रीय सरकारों के द्वारा साल 1966, 1970 और 1980 के उन आदेशों में संशोधन किया है, जिनमें कुछ अन्य संस्थाओं के साथ-साथ आरएसएस की शाखाओं और अन्य गतिविधियों में शामिल होने पर सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था और साथ ही ऐसा करने पर कड़े दंडात्मक प्रावधान लागू किए गए थे. जिसे अब केंद्र सरकार ने हटा दिया है.
पूर्व की सरकारों के इस आदेश के चलते रिटायर हो जाने के बाद भी पेंशन की वजह से कई सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने से बचते थे. हालांकि अब सरकारी कर्मचारियों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रमों में शामिल होने की इजाजत दे दी गई है.
विपक्ष ने किया हमला
केंद्र सरकार के इस फैसले का एक तरफ स्वागत किया जा रहा है तो दूसरी तरफ विपक्ष इस फैसले पर जमकर हमला कर रहा है.ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा यह फैसले भारत की अखंडता और एकता के खिलाफ है. सरकार के फैसले पर समजावादी के सांसद जावेद अली खान ने कहा, इस सरकार से यही उम्मीद थी. वह सांप्रदायिकता को बढ़ावा देती है और सांप्रदायिक संगठन के गतिविधियों में शामिल होने के लिए सरकारी कर्मचारियों को प्रेरित कर रही है.
कांग्रेस ने क्या कहा
बीजेपी के इस फैसले पर कांग्रेस ने जमकर निशाना साधा. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, 9 जुलाई 2024 को, 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी लागू था. जय राम रमेश ने कहा, मेरा मानना है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है.

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