जिन आरोपों ने तुर्की को मुस्लिम वर्ल्ड में किया था बदनाम वैसे ही इल्जाम अब ‘झूठ’ बनकर एर्दोगन के गले तक पहुंचे

इजराइल के विदेश मंत्री काट्ज ने हाल ही में तुर्की पर आरोप लगाया था कि तुर्की गाजा जंग में रेसिस्टेंस ग्रुप हमास को हथियार और पैसा दे रहा है. इजराइल के इन आरोपों को नकारते हुए अंकारा ने कहा कि इजराइल झूट बोल रहा है और ये सब बयानबाजी कर गाजा में युद्ध अपराध से दुनिया का ध्यान हटाने चाहता है. इजराइली मंत्री काट्ज ने ये भी कहा था कि “इजराइल सुरक्षा अधिकारियों ने उन आतंकी सेल को खत्म कर दिया है जो हमास के तुर्की हेडक्वार्टर से चलाई जाती थी.”
इजराइल के आरोपों के जवाब में तुर्की के विदेश विभाग ने कहा कि इजराइल गाजा में किए गए युद्ध अपराधों से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए ऐसी बयानबाजी कर रहा है. मंत्रालय ने आगे कहा है कि इजराइल का गंदा प्रचार हमारे देश और हमारे राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन पर दबाव नहीं बना पाएगा.
तुर्की ने बंद किया व्यापार
गाजा युद्ध में फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजराइल सेना द्वारा किए गए युद्ध अपराध के जवाब में तुर्की ने एलान किया था कि वह 9 अप्रैल से इजराइल को इंडस्ट्रियल गुड्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगाएगा, जो गाजा युद्ध खत्म होने तक और एड डिलीवरी होने तक जारी रहेगी. इस प्रतिबंध में स्टील, एल्युमिनियम, पेंट, इलेक्ट्रिकल केबल, विमान ईंधन, तेल, उर्वरक आदी उत्पाद शामिल हैं. जिस पर इजराइल के मंत्री काट्ज ने कहा है कि तुर्की ने ट्रेड एग्रीमेंट का उल्लंघन किया है और देश के राष्ट्रपति ने हमास की मदद के लिए तुर्की के नागरिकों के हितों को ध्यान में नहीं रखा.
बेंजामिन नेतन्याहू को बताया कसाई
हमास के खिलाफ इजरायल के हमले में गाजा में लगभग 40 हजार आम नागरिक मारे गए हैं. मरने वालों में अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं. युद्ध की शुरुआत से तुर्की इजराइल के हमलों आलोचक रहा है. तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को बार बार ‘गाजा का कसाई’ करार दिया था. तुर्की के विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा है कि वे फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए तुर्की आवाज उठाना जारी रखेगा.

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