किसान आंदोलन: 15 अगस्त को पूरे भारत में ट्रैक्टर मार्च करेंगे किसान, विरोध में जलाएंगे नए क्रिमिनल लॉ की प्रतियां

Kisan Andolan-2: संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने केंद्र सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन-2 को जारी रखने का ऐलान किया है. रविवार को दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के किसान मजदूर राष्ट्रीय सम्मेलन में किसानों की समस्याओं और मांगों पर चर्चा की गई.
किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने किसानों के मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ 1 अगस्त से 15 सितंबर तक किसान आंदोलन-2 का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि 1 अगस्त को मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा और 15 अगस्त को पूरे भारत में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा. वहीं, किसान आंदोलन-2 के तहत नए आपराधिक कानून की प्रतियां जलाई जाएंगी और सितंबर में दो बड़ी रैलियां की जाएंगी.
पहली रैली 15 सितंबर को जींद में
किसान नेता ने कहा कि हरियाणा में किसान आंदोलन के दौरान 433 किसान घायल हुए हैं. वहीं, किसानों पर हमला करने वाले अफसरों को सरकार सम्मानित करने जा रही है. यह बिल्कुल गलत है. ऐसा नहीं होना चाहिए. सरवन सिंह पंधेर ने आशीष मिश्रा उर्फ ​​मोनू को जमानत दिए जाने की भी कड़ी निंदा की है.
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किसान नेता ने कहा कि 31 अगस्त को हरियाणा में चल रहे आंदोलन के 200 दिन पूरे होने पर वे प्रदेश भर में दो बड़ी रैलियां निकालेंगे. इसके लिए उन्होंने उस दिन ज्यादा से ज्यादा लोगों से बॉर्डर पर आने की अपील की है. किसान नेता के मुताबिक, पहली रैली 15 सितंबर को जींद में जबकि दूसरी रैली पिपली में होगी.
इन मांगों पर अड़े हुए हैं किसान
किसान आंदोलन 2.0 की शुरुआत इसी साल फरवरी में हुई, जिसके बाद से किसान शंभू बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. इस बीच दिल्ली में हुई इस बैठक में एमएसपी की कानूनी गारंटी और सी2+50% फॉर्मूले के तहत फसलों का दाम तय करने की मांग की गई. किसानों ने मांग की है कि एमएसपी की. गारंटी को लेकर प्राइवेट बिल बनाया जाए और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक दाम तय किए जाएं.
इस सम्मेलन में मांग की गई है कि किसानों और मजदूरों का कर्ज माफ किया जाए, किसानों को पेंशन के साथ 10 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएं. किसानों ने मांग की है कि साल 2020-21 के किसान आंदोलन में किसानों पर दर्ज सभी मामले रद्द किए जाएं. साथ ही किसान आंदोलन-2 के दौरान गोलियां चलाने और किसानों पर अत्याचार करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

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